BA LLB में लेना हैं प्रवेश तो आगरा में 200 साल पुराना कालेज है तैयार, पूर्व PM चौधरी चरण सिंह भी यहां पढ़े
Agra College Agra 2019 तक मिला था नैक से ए ग्रेड यहां है विधि संकाय भी। आगरा कालेज ने दिया था उत्तर भारत का पहला विधि स्नातक। इंटर के रिजल्ट आने के बाद छात्र-छात्राओं के लिए स्नातक में कई विकल्प चुनने की सुविधा है।

आगरा, जागरण संवाददाता। इस नवंबर में अपनी स्थापना के 200 साल पूरे कर रहा आगरा कालेज में पढ़ने का सपना हर छात्र देखता है। उत्तर भारत का पहला विधि स्नातक इसी कालेज ने दिया है। कालेज एक बार फिर से प्रवेश के लिए तैयार है। कालेज को वर्ष 2019 तक नैक से ए-ग्रेड प्राप्त था। उसके बाद से अभी तक नैक मूल्यांकन नहीं हुआ है।
1923 में पं. गंगाधर शास्त्री द्वारा संस्कृत पाठशाला से हुई
आगरा कालेज की शुरुआत वर्ष 1923 में पं. गंगाधर शास्त्री द्वारा संस्कृत पाठशाला से हुई थी। बाद में इसे कालेज की मान्यता मिली। कालेज में विधि संकाय भी है। एनएसएस की पांच इकाइयों के साथ रोवर्स व रेंजर्स की इकाइयां हैं। खेलकूद के बड़े मैदान के साथ अन्य सुविधाएं हैं। सात छात्रावास हैं। इसमें से छह छात्रों के लिए (केडी,सप्रू, बीएन, सीएसए, थांपसन और भगत सिंह) और एक छात्राओं (रानी लक्ष्मी बाई) के लिए है। केंद्रीय पुस्तकालय के साथ प्रत्येक विभाग में अलग पुस्तकालय है।
स्मार्ट क्लासेज हैं
स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए अलग-अलग लैब हैं। स्मार्ट क्लासेज हैं। छात्राओं के लिए वूमेनविंग है। कैंटीन और जिम भी है। कालेज में एनसीसी आर्मी, एयर और गर्ल्स विंग है। सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा चुके हैं। दो आडिटोरियम, दो सेमिनार हाल हैं। इस कालेज के छात्र और अब चीफ प्रोक्टर प्रो. अमित अग्रवाल बताते हैं कि इस कालेज में पूरे देश भर से छात्र पढ़ने आते थे, फिलोस्फी पढ़ने के लिए थाईलैंड आदि देशों से भी आते थे।
पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह भी पढ़े
कालेज के पूर्व छात्र संविधान सभा के सदस्य पंडित हृदयनाथ कुंजरू, शिक्षाविद् तेज बहादुर सप्रू, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, फिजी में देश के पूर्व उच्चायुक्त कैप्टन भगवान सिंह, लोक सेवा समिति के पूर्व चेयरमैन भगवान शंकर रावत, कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय सिंह, रामजीलाल सुमन, आरएसएस के डा. कृष्ण गोपाल।
भविष्य की योजना इस सत्र से कामर्स में परास्नातक शुरू हो जाएगा। क्लीनिकल साइक्लोजी भी शुरू करने की योजना है। इस सत्र के लिए हम छात्रों के स्वागत के लिए तैयार हैं। विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश प्रक्रिया शुरू करते ही हम भी आवेदन आनलाइन स्वीकार करेंगे। प्रो. अनुराग शुक्ला, प्राचार्य
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