टैटू देखने के नाम पर कपड़े उतरवाए... हांगकांग में बैठे मास्टरमाइंड चला रहे डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का गैंग
आगरा में साइबर पुलिस ने 16.20 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में राजस्थान के सीकर से एक आरोपी को गिरफ्तार किया। हांगकांग स्थित सरगना के नेतृत्व में यह गिरोह लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करता था। युवती को पार्सल के नाम पर डराकर पैसे वसूले गए और आपत्तिजनक हरकतें भी की गईं। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

जागरण संवाददाता, आगरा। लोगों को पुलिस का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का गैंग हांगकांग में बैठे मास्टर माइंड चला रहे हैं। उनके आदेशों पर भारत में बैठे साथी लोगों को डराकर वसूली करते हैं। थोड़ा कमीशन लेने के बाद सारी रकम विदेशों में पहुंच जाती है। साइबर थाना पुलिस ने शाहगंज की युवती से 16.20 लाख की ठगी में शामिल राजस्थान,सीकर के रविन्द्र प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार किया है। आरोपित से पूछताछ में अहम जानकारियां मिली हैं।
शाहगंज क्षेत्र की युवती के पास फरवरी माह में इंटरनेशनल काल आई। काल करने वाली महिला ने खुद का नाम मेघा झा बताया। ब्लूडार्ट कुरियर कंपनी की प्रतिनिधि बता सिंगापुर से पार्सल आने की जानकारी दी। उसमें पांच पासपोर्ट, तीन क्रेडिट कार्ड, बैंक के दस्तावेज, कपड़े और दवाओं के 58 पैकेट होने की जानकारी दी। उन्होंने ऐसा कोई पार्सल न मंगाने की बात कही तो उसने आईडी का दुरुपयोग होने की बोलकर डराया।
मुंबई पुलिस से बात करने को कहा। कुछ देर बाद एक नंबर से वाट्सएप काल कर कथित पुलिस अधिकारी से बात कराई। उसने मामला नारकोटिक्स और सीबीआई तक पहुंचने की जानकारी दी। डराकर स्काइप पर कनेक्ट किया। तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा।
तीनों विभागों की जांच से बचाने के नाम पर कई बार में 16.20 लाख रुपये ले लिए। जब रुपये खत्म हो गए तो शरीर पर एक टैटू होने की बात कहकर चेक कराने को कहा। दबाव बनाकर कैमरे के सामने कपड़े उतरवाए। पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
इंस्पेक्टर साइबर सेल रीता सिंह ने बताया कि महिला की शिकायत पर जांच के दौरान राजस्थान के सीकर के रविन्द्र प्रसाद वर्मा का नाम प्रकाश में आया। आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में पता चला है कि वह और उसके साथी हांगकांग में बैठे गैंग के लोगों से जुड़े हुए हैं। गैंग को बैंक खाते मुहैया कराना इनका काम है। पुलिस को काफी जानकारियां मिली हैं, आरोपित के मोबाइल से इसके गैंग के मुख्य लोगों के बारे में भी जानकारी मिली है। पुलिस अन्य तक जल्द पहुंच कर गिरफ्तारी करेगी।
सिर्फ गुर्गों तक ही पहुंच पाती है पुलिस
डिजिटल अरेस्ट और ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले विदेश में बैठ कर गैंग संचालित करते हैं। पुलिस जांच में उन्हें खाते और सिम उपलब्ध कराने वालों को पकड़ लेती है। बरामदगी में उनके पास कुछ नहीं मिलता है। गुडवर्क के बाद भी पीड़ित खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं।
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