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    पिटाई में फंस गई यूपी पुलिस... कोर्ट पहुंचा आरोपी जज के सामने दिखाने लगा चोटों के निशान, अदालत ने दिया ये आदेश

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 01:27 PM (IST)

    आगरा में चोरी के आरोप में पकड़े गए युवक ने अदालत में पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया। कोर्ट के आदेश पर हुए मेडिकल में चोटों की पुष्टि होने पर विवेचकों और अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया। साथ ही पुलिस आयुक्त को विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस ने आरोपी को 1120 रुपये और एक चाकू के साथ गिरफ्तार किया था।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, आगरा। चोरी के आरोप में पकड़ा गया युवक अदालत में पहुंचते ही चोट दिखाकर पुलिस की पिटाई की कहानी बयां करने लगा। कोर्ट के आदेश पर दोबारा कराए गए मेडिकल में उसके शरीर पर कुछ ऐसी चोट पाई गईं, जिनका जिक्र पुलिस की केस डायरी में नहीं था।

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    इस रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने विवेचकों और अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं साथ ही पुलिस आयुक्त को सभी सबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं। चार दिन पहले हुए आदेश के बाद पुलिस में खलबली मच गई। अधिकारी मामले में रिवीजन दाखिल किए जाने की बात कह रहे हैं।

    आरोपित चोट दिखाकर कोर्ट में बोला, पुलिस हिरासत में की गई मारपीट

    शाहगंज पुलिस ने 16 सितंबर को गढ़ी भदौरिया निवासी नितिन उर्फ कालू को गोविंद नगर कालोनी गेट के पास से पकड़ा था। पुलिस ने उसके पेंट की जेब से 1120 रुपये और चाकू बरामद किया था। पुलिस का दावा है कि उसने पूछताछ में 24 जुलाई को आजमपाड़ा में किराना की दुकान से हुई चोरी की घटना भी स्वीकार की थी। यह भी बताया था कि उसके हिस्से में चोरी की रकम में से छह हजार रुपये आए थे। जेब से बरामद रुपये उसी में से बचे हैं।

    कोर्ट लेकर पहुंची तो रोने लगा

    पुलिस 17 सितंबर को जैसे ही आरोपित को कोर्ट लेकर पहुंची तो वह रोने लगा। अपने शरीर की चोटों को दिखाते हुए उसने कोर्ट में कहा कि पुलिस ने हाथ और तलवों पर डंडे से पीटा है, जिसमें बहुत दर्द हो रहा है। आरोपित के पीठ पर दोनों कंधों पर चोट के निशान मेडिकल के समय पाए गए थे, जिनका जिक्र पुलिस ने अपनी केस डायरी में किया था। बाएं हाथ की कोहनी के ऊपर चोट के निशान और दाहिने पैर के घुटने में सूजन थी।

    कोर्ट ने दिए विवेचक और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे के आदेश

    आरोपित ने कहा था कि ये चोटें पुलिस हिरासत में पीटे जाने से ही आई हैं। अदालत ने आरोपित की चोटों को देखकर दोबारा मेडिकल कराने के आदेश दिए। दोबारा मेडिकल हुआ तो आरोपित द्वारा दिखाई गई चोटों की पुष्टि हो गई। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद 18 सितंबर को कोर्ट ने पुलिस हिरासत में मारपीट का मामला सही मानते हुए चोरी और गिरफ्तारी के मुकदमे की विवेचकों व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश थाना प्रभारी शाहगंज को दिए। साथ ही यह भी कहा कि एफआइआर की कापी तीन दिन में कोर्ट में उपलब्ध कराई जाए।

    कोर्ट ने पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए कहा।आदेश की एक कापी सूचनार्थ डीजीपी को भी भेज दी गई। कोर्ट के आदेश के बाद खलबली मच गई। अधिकारी मामले को दबाने में जुट गए। अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी का कहना है कि मामले में रिवीजन दाखिल किया गया है। इसलिए अभी मुकदमा दर्ज नहीं किया है।

    पहले भी फंस चुकी है पुलिस

    रकाबगंज थाना पुलिस भी इसी तरह के मामले में पिछले दिनों फंसी थी। कोर्ट में पहुंचे आराेपित ने अपनी चोट दिखाते हुए कहा था कि पुलिस ने उसे पीटा है। कोर्ट ने मेडिकल कराया तो उसके आरेापों की पुष्टि हो गई। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर रकाबगंज थाने में पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।

    25 हजार की चोरी में बरामद 1120 रुपये

    पुलिस ने परचून दुकान से हुई 25 हजार रुपये की चोरी का पर्दाफाश एक चोर को पकड़कर ही कर दिया। उससे बरामदगी महज 1120 रुपये की ही हो सकी।