अब एक रुपये के परमिट पर बना सकेंगे 100 वर्ग मीटर तक का मकान, ADA जल्द देगा ये सुविधा
आगरा में अब 100 वर्ग मीटर तक के मकान एक रुपये के परमिट पर बनाए जा सकेंगे। आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) जल्द ही यह सुविधा शुरू करेगा। नई व्यवस्था में स्व ...और पढ़ें

आगरा विकास प्राधिकरण।
जागरण संवाददाता, आगरा। अब एक रुपये के परमिट पर 100 वर्ग मीटर तक के भूखंड पर मकान बना सकेंगे। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) शासन से दिशा-निर्देश मिलने का इंतजार कर रहा था।
शासनादेश के बाद अब इस व्यवस्था के शीघ्र शुरू होने की उम्मीद बंधी है। एडीए अब तक 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय भवन का मानचित्र स्वीकृत करने को कवर्ड एरिया का 50 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से परमिट शुल्क ले रहा था।
नई व्यवस्था में स्वप्रमाणित मानचित्र और शपथ पत्र दाखिल करना होगा। 100 वर्ग मीटर तक के निर्माण पर अब निरीक्षण शुल्क भी नहीं लगेगा। अब तक यह शुल्क करीब 22 रुपये प्रति वर्ग मीटर था।
एडीए ने नई भवन निर्माण एवं विकास उपविधि को 29 जुलाई को बोर्ड बैठक कर अंगीकार किया था। इसमें 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय व 30 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक भूखंड पर निर्माण करने वालों को मानचित्र पास कराने की आवश्यकता नहीं थी।
उन्हें प्राधिकरण में एक रुपये का शुल्क जमा कर परमिट प्राप्त करना था। इसके लिए उन्हें शपथ पत्र दाखिल करना था। शासन से दिशा-निर्देश स्पष्ट नहीं होने से एडीए एक रुपये के परमिट की व्यवस्था को लागू नहीं कर सका था।
एडीए के एनओसी पोर्टल 'एक डिजिटल समाधान' पर भी यह व्यवस्था लागू नहीं हो सकी थी।
आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव पी. गुरुप्रसाद ने मंगलवार को उप्र नगर योजना और विकास (विकास परमिट फीस, भवन परमिट फीस और निरीक्षण फीस का निर्धारण, उद्ग्रहण और संग्रहण) नियमावली-2024 को संशोधित करते हुए नियमावली-2025 की अधिसूचना जारी कर दी।
अभी तक 100 वर्ग मीटर के आवासीय निर्माण पर पांच रुपये प्रति वर्ग मीटर के आधार से परमिट शुल्क लागू होता था।
एडीए उपाध्यक्ष एम. अरून्मोली ने बताया कि शीघ्र ही 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय निर्माण को एक रुपये के परमिट पर स्वप्रमाणित मानचित्र के आधार पर निर्माण कार्य शुरू कराने की व्यवस्था लागू की जाएगी।
ऐसे हाेगी व्यवस्था
100 वर्ग मीटर तक के आवासीय निर्माण को अब एक रुपये के परमिट पर पंजीकरण कराने के साथ आवेदक को महायोजना में भूखंड के भू-उपयोग, सड़क की चौड़ाई, भूमि पर स्वामित्व, भूखंड का आकार और ऊंचाई जैसी जानकारी स्वप्रमाणित करनी होगी।
शपथ पत्र के साथ ऑनलाइन भुगतान करने के बाद, नक्शा स्वतः स्वीकृत मान लिया जाएगा। शपथ पत्र की यदि कोई घोषणा गलत पाई जाती है, तो आवेदक को जिम्मेदार मानते हुए उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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