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    Taste of Agra: अलग है स्वाद, यहां मिलती है आलू-लहसुन की कचौड़ी के साथ हांडी की सब्जी

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Sun, 29 Nov 2020 11:05 AM (IST)

    आगरा में आवास विकास कालोनी के सेक्टर 12 में सड़क किनारे लगाते हैं साहिल दुकान। पनीर मूली और गोभी की कचौड़ी भी आ रही हैं पसंद हांडी की चाय भी भा रही। अ ...और पढ़ें

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    आवास विकास में हांडी में बनी सब्‍जी के साथ बेढ़ई और कचौड़ी परोसते साहिल।

    आगरा, प्रभजोत कौर। हर शहर के कुछ खास स्वाद होते हैं, जो स्थानीय वाशिंदों की जुबां पर तो रहते ही हैं, पर पर्यटकों को भी लुभाते हैं। एेसा ही कुछ आगरा के बेढ़ई, कचौड़ी और सब्जी के नाश्ते के साथ भी है। हाथ में दोना लिए, कढ़ाई पर गर्मागरम कचौड़ी या बेढ़ई निकलने पर लगी नजरें, सब्जी में दही और साथ में मसाले वाली मिर्च के इंतजार में खड़े लोग ताजनगरी के लगभग हर चौराहे, मोहल्ले और गली में दिख जाते हैं। शहर के कई स्थानों पर कई तरह की बेढ़ई और कचौड़ी मिलती है, लेकिन आवास विकास कालोनी के सेक्टर 12 की मुख्य सड़क के किनारे पर हांडी वाली कचौड़ी-सब्जी इस समय लोगों को काफी पसंद आ रही है।

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    सेक्टर सात में रहने वाले साहिल चड्ढा ने डेढ़ महीने पहले इस काम की शुरुआत की थी। साहिल का पहले निर्माण और जूते का काम था, जो किन्हीं कारणों से बंद हो गया। साहिल बताते हैं कि चालीस साल पहले बेलनगंज में एक आदमी हांडी की सब्जी और बेढ़ई बेचता था, वो बंद हो गया। स्वजनों ने कहा कि एेसा ही कुछ अलग हट कर काम करो। काम शुरू करने से पहले हांडी में सब्जी बनाने वाले हलवाई को ढूंढा गया। राजस्थान से हांडियां मंगवाई गईं।

    कई वैरायटी की हैं कचौड़ियां

    साहिल के यहां सिर्फ आलू की ही नहीं बल्कि मूली, गोभी, पनीर, आलू-लहसुन, आलू-प्याज और दाल की कचौड़ी भी मिलती है। कचौड़ी को सरसों के तेल में तला जाता है। पनीर की कचौड़ी की कीमत 15 रुपये है तो बाकी की सभी कचौड़ी दस रुपये की मिलती है।

    तीन से चार घंटे में पकती है सब्जी

    आमतौर पर भगौने या कढ़ाई में बेढ़ई-कचौड़ी की सब्जी तैयार होती है। चूंकि साहिल हांडी में ही सब्जी बनवाते हैं इसीलिए इसमें समय ज्यादा लगता है। साहिल ने बताया कि उनके हलवाई बीपी सिंह और राजवीर सुबह चार बजे हांडी को भट्टी पर चढ़ा देते हैं। यह हांडी सात बजे के बाद ही भट्टी से उतरती है। अब उन्होंने अपने यहां हांडी की चाय भी बनानी शुरू कर दी है। सुबह सात से दोपहर दो बजे तक कचौड़ी मिलती है। आने वाले समय में हांडी के छोलों के साथ सरसों के तेल के पनीर और आलू के भटूरे भी शुरू करने वाले हैं।

    अलग सा स्वाद है इस सब्जी में

    कचौड़ी खा रहे पुष्पेंद्र ने बताया कि इस सब्जी में अलग सा स्वाद आता है, मिट्टी की हल्की-हल्की सी खुशबू आती है। रोहित ने बताया कि वे कई बार इनके यहां आलू-लहसुन की कचौड़ी आ चुके हैं। मजा ही आ जाता है खाकर।