क्या है बंगला नंबर 45 और 46 का राज... परतें खोलेगी सीबीआई, 304 बांग्लादेशी मतदाताओं की जांच
Agra News आगरा में छावनी परिषद के वार्ड नंबर दो में 304 बांग्लादेशियों के वोटर और राशन कार्ड आसानी से बन गए। विधायक जीएस धर्मेश के पत्र के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है। इन मतदाताओं के पास न तो अपने नाम पर घर है और न ही बिजली का कनेक्शन। सीबीआई को भी बांग्लादेशी मतदाताओं की सूची मिल गई है।

जागरण संवाददाता, आगरा। यूं तो वोटर और राशन कार्ड बनवाना आसान नहीं है। तहसीलों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। मगर, छावनी परिषद के वार्ड नंबर दो स्थित बंगला नंबर 45 और 46 के 304 बांग्लादेशियों के कार्ड आसानी से बन गए। इनका न तो खुद का घर है और न ही किसी मकान मालिक ने कोई भी पत्र लिखा है। यहां तक बिजली, पानी का कनेक्शन भी खुद के नाम पर नहीं है।
इन सब के बाद भी राशन कार्ड, वोटर कार्ड सहित अन्य पहचान पत्र बन गए हैं। विधायक डा. जीएस धर्मेश के पत्र के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है। सीबीआइ को भी बांग्लादेशी मतदाताओं की सूची मिल गई है। मतदाता 40 से 50 साल से दोनों बंगलों में रह रहे हैं।
पूर्व राज्यमंत्री और विधायक डा. जीएस धर्मेश ने 12 मार्च को रक्षा मंत्री को पत्र लिखा था। इसमें छावनी परिषद के वार्ड नंबर दो के बंगला नंबर 46 में 235 मतदाता हैं। अगर इन मतदाता की बात की जाए तो यह 40 साल से हैं। इनके राशन कार्ड, वोटर कार्ड सहित अन्य पहचान पत्र बने हुए हैं। यहां पर 158 मुस्लिम मतदाता हैं। बाकी अन्य समाज के लोग हैं।
एक मुस्लिम मतदाता ने बताया कि उनकी एक पीढ़ी यहां पर बीत गई है
इसी तरह से बंगला नंबर 45 में 69 मतदाता हैं। इसमें 52 मुस्लिम मतदाता हैं। एक मुस्लिम मतदाता ने बताया कि उनकी एक पीढ़ी यहां पर बीत गई है। हाल ही में कुछ लोग यहां से चले गए हैं। उनके पास राशन कार्ड बना हुआ है। हर साल विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव में भी मतदान करते हैं। कहा कि किसी भी एजेंसी से जांच के लिए तैयार हैं। एक अन्य मतदाता ने कहा कि बंगले में रहते हुए 45 साल हो गए हैं। परिवार के सभी सदस्य रह रहे हैं। आजतक किसी भी तरीके की कोई दिक्कत नहीं हुई है। छावनी परिषद की मतदाता सूची में सभी का नाम अंकित है।
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भाजपा विधायक डॉक्टर जीएस धर्मेश।
दस साल पूर्व सभी कार्ड बनवाए थे
दानिश ने बताया कि दस साल पूर्व सभी कार्ड बनवाए थे। कार्ड बनवाने में कोई भी दिक्कत नहीं आई थी। वहीं विधायक के पत्र के बाद अब पुलिस सक्रिय हो गई है। पुलिस ने संबंधित मतदाताओं की जानकारी जुटानी चालू कर दी गई है। बांग्लादेशी मतदाताओं की सूची सीबीआइ को भी मिल गई है। क्योंकि बंगलों की खरीद फरोख्त में गड़बड़ी और अवैध निर्माण की जांच सीबीआई कर रही है।
अब तक तीन बार सीबीआई छावनी परिषद कार्यालय पहुंच चुकी है। डेढ़ दर्जन अधिकारियों और कर्मचारियों को नोटिस जारी हो चुके हैं। इन्हें जांच के लिए नई दिल्ली बुलाया गया है।सीबीआइ बांग्लादेशी मतदाताओं की जांच करेगी या नहीं, यह जल्द ही तय होगा।
दस्तावेज के साथ वापस गई सीबीआई
सीबीआई नई दिल्ली की टीम शनिवार को छावनी परिषद कार्यालय से दस्तावेज लेने के बाद वापस लौट गई। तीन बार सीबीआइ की टीम जांच के लिए कार्यालय पहुंच चुकी है। अब तक 150 दस्तावेजों को अपने कब्जे में लिया गया है।
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28 से शुरू होगा मतदाता पुनरीक्षण अभियान
छावनी परिषद में आठ वार्ड में 47 हजार की आबादी है। 28 अप्रैल से परिषद की मतदाता सूची का पुनरीक्षण अभियान शुरू होगा। प्रत्येक बूथ पर कर्मचारी मिलेंगे। सूची में नया नाम जुड़ेगा। नाम में बदलाव कराया जा सकता है। मृतकों का नाम हटवाया जा सकता है। एक जुलाई को सूची परिषद कार्यालय में उपलब्ध होगी। 20 जुलाई तक मतदाता सूची को लेकर दावे एवं आपत्तियां प्रस्तुत किए जा सकते हैं। 15 सितंबर को सूची का प्रकाशन होगा।

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