खुशखबरी! आगरा में बुजुर्गों की पेंशन का इंतजार हुआ खत्म, सितंबर से मिलेंगे हर महीने इतने रुपये
आगरा में वर्षों से पेंशन के लिए भटक रहे आठ हजार बुजुर्गों का इंतजार अब खत्म हो गया है। दीपावली से पहले उन्हें वृद्धावस्था पेंशन के रूप में एक हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे जिससे उनके जीवन में खुशहाली आएगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि डीएम और सीडीओ की मदद से लंबित आवेदनों का निस्तारण कराया गया है। सबसे अधिक पेंशन 2024-25 में स्वीकृत हुई है।
जागरण संवाददाता, आगरा। वर्षों से पेंशन के लिए भटक रहे बुजुर्गों का इंतजार खत्म हो गया है। आठ हजार बुजुर्गों की पेंशन स्वीकृत हो गई है।
दीपावली से पहले उनके जीवन में पेंशन रूपी दीपक जगमगाएगा। उन्हें वृद्धावस्था के रूम में एक हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। यह सपना सितंबर में पूरा हो सकता है।
अगर हम पांच साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो वृद्धावस्था के पेंशनर्स वर्ष 2020-21 में 56 हजार थे, इसके बाद यह संख्या वर्ष 2021-22 में 61 हजार हो गए। अगले साल यह संख्या बढ़कर 63 हजार हो गई, हालांकि 2023-24 में बुजुर्गों की संख्या 500 कम हो गई।
वर्ष 2024-25 में यह संख्या 89 हजार के पार पहुंच गई। स्पष्ट है कि सर्वाधिक पेंशन 2024-25 में 26 हजार से अधिक स्वीकृत हुई हैं। इनमें आठ हजार वे बुजुर्ग भी शामिल हैं, जो वर्षों से तहसील से लेकर ब्लाक और सीडीओ कार्यालय के चक्कर काट रहे थे।
अब इनको दीपावली से पहले पेंशन मिल जाएगी।
शाहगंज के बुजुर्ग पातीराम ने बताया कि लगभग डेढ़ साल पहले पेंशन के लिए आवेदन किया था। तब से लेकर अभी तक इधर से उधर भटक रहे थे, लेकिन अब जानकारी मिली है कि पेंशन स्वीकृत हो चुकी है। इसी प्रकार से मोती कटरा की बेगम और उस्मान ने बताया कि एक साल से अधिक समय से पेंशन का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक नहीं मिल सकी है। उम्मीद है जल्द ही मिल जाएगी।
वर्ष और पेंशनर्स
- 2020-21 में 56 हजार
- 2021-22 में 61 हजार
- 2022-23 में 63 हजार
- 2023-24 में 62 हजार 500
- 2024-25 में 89 हजार
पिछले साल (2024-25 में) सर्वाधिक पेंशन स्वीकृत हुई हैं। 18 हजार को पेंशन मिल चुकी है। आठ हजार को भी जल्द ही मिल जाएगी। पेंडेंसी को खत्म कराया गया है। -घासीराम प्रजापति, जिला समाज कल्याण अधिकारी
डीएम और सीडीओ से की शिकायतें
किरावली की ऊषादेवी विकास भवन सीडीओ से मिलने के लिए पहुंचीं थीं। उनका कहना था कि एक साल में पेंशन स्वीकृत नहीं हो सकी है। कभी तहसील तो कभी विकास खंड के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। आवेदन में कोई न कोई हर बार कमी बताकर वापस कर दिया जाता है।
बाबू सीधे मुंह बात भी नहीं करते हैं। अछनेरा की बुजुर्ग सुमित्रा देवी डीएम से मिलने कलक्ट्रेट पहुंची थीं। कमिश्नर तक के कार्यालय तक दौड लगाई। तब कहीं जाकर समस्या का समाधान हो सका।
लंबित आवेदनों का लिया संज्ञान
हजारों की संख्या में वृद्धावस्था के आवेदन लंबित थे। आवेदक शिकायत लेकर आते थे। जिला समाज कल्याण अधिकारी घासीराम ने बताया कि डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी और सीडीओ प्रतिभा सिंह की मदद से लंबित आवेदनों का निस्तारण कराया गया।
इसके लिए पत्राचार भी कराया गया। तब कहीं जाकर इतनी बड़ी संख्या में वृद्धों की पेंशन स्वीकृत हो सकी है। बोदला के मुंशी सिंह ने बताया कि पेंशन पाने के चक्कर में घनचक्कर हो गए। तब कहीं जाकर सफलता मिल सकी है।
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