डिलीवरी का ब्योरा ना देने पर यूपी के इस जिले के 140 अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन होगा सस्पेंड
जिले के निजी अस्पतालों में हर महीने होने वाले प्रसव का ब्योरा अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआइएस) पर ऑनलाइन दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, आगरा। निजी अस्पतालों में हर महीने होने वाले प्रसव का ब्योरा अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआइएस) पर आनलाइन दर्ज करना अनिवार्य है। साथ ही 45 वर्ष से कम आयु की महिला की सर्जरी कर गर्भाशय निकालने (हिस्टेक्टोमी) की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को ईमेल से दी जानी है।
जिले में 200 अस्पतालों में प्रसव की सुविधा है। इसमें से 60 अस्पताल ही एचआइएमएस पर प्रसव का ब्योरा दर्ज कर रहे हैं। प्रसव का ब्योरा हर महीने दर्ज नहीं करने वाले 140 हास्पिटल संचालकों को पंजीकरण अस्थायी रूप से निलंबित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नोटिस भेजा जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्ष 2024 तक अस्पताल, लैब, क्लीनिक और पैथोलाजी के पंजीकरण का नवीनीकरण एक अप्रैल से 31 मार्च तक एक वर्ष के लिए किया जाता था। हर वर्ष अप्रैल में नवीनीकरण के लिए हास्पिटल और लैब संचालकों को आवेदन करने होते थे। मगर, इस वर्ष से पंजीकरण की अवधि पांच वर्ष के लिए कर दी गई है, साथ ही नियमों में भी बदलाव किया गया है।
एचएमआइएस में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही हास्पिटलों का पंजीकरण किया गया है। निजी अस्पतालों को हर महीने की दो तारीख को एचएमआइएस पर एक महीने में कराए गए प्रसव की संख्या आनलाइन दर्ज करनी है। मगर, हास्पिटल संचालक रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रहे हैं। सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 200 में से 60 अस्पताल ही रिपोर्ट दर्ज कर रहे हैं। 140 अस्पतालों द्वारा रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है इनके पंजीकरण अस्थायी रूप से निलंबित करने क लिए नोटिस दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग नहीं जुटा पा रहा हर महीने होने वाले प्रसव का ब्योरा
देहात के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, लेडी लायल जिला महिला चिकित्सालय, एसएन मेडिकल कालेज में प्रसव की सुविधा है। हर महीने सरकारी अस्पतालों में करीब 200 प्रसव हो रहे हैं। सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में निश्शुल्क प्रसव के साथ ही प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। इससे कहीं ज्यादा प्रसव निजी अस्पताल में कराए जा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को निजी अस्पतालों में होने वाले प्रसव का ब्योरा नहीं मिल रहा है। इससे प्रसव की संख्या पता नहीं चल रही है, साथ ही बच्चों के सरकारी टीकाकरण भी नहीं हो पा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत अस्पताल, क्लीनिक और लैब
- हास्पिटल -505
- क्लीनिक - 491
- पैथोलाजी लैब- 149
- डायग्नोस्टिक सेंटर -108
- डेंटल क्लीनिक - 132

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