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    Aghan Month 2022: कल से शुरू हो रहा है पंचांग का 9 वां माह, वैवाहिक कार्यों के लिए सबसे उपयुक्त है ये समय

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Tue, 08 Nov 2022 03:01 PM (IST)

    Aghan Month 2022 कल नौ नवंबर से आरंभ होकर आठ दिसबंर को समाप्त होगा अगहन माह। भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम और कृष्ण को समर्पित है ये माह। मार्गशीर्ष मास के नाम से भी जाना जाता है अगहन माह। भगवान श्रीराम और जानकी का विवाह हुआ था इसी माह में।

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    मार्गशीर्ष माह में हुआ था श्रीराम जानकी का विवाह।

    आगरा, तनु गुप्ता। कल नौ नवंबर से हिंदू पंचांग का नौंवा मास शुरू होने जा रहा है। आम बोलचाल की भाषा में इस माह को अगहन भी कहा जाता है। वहीं मार्गशीर्ष मास के नाम से भी ये माह प्रचलित है। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार हिंदू धर्म में अगहन मास का काफी महत्व होता है। अगहन मास हिंदू पंचांग का नौवां महीना है। इसे मार्गशीर्ष भी कहते हैं। इस बार अगहन मास की शुरुआत 9 नवंबर बुधवार से होने जा रही है। ये महीना 08 दिसंबर गुरुवार तक रहेगा।

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    अगहन माह में शंख पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। ये महीना मांगलिक कार्यों और विवाह के लिए काफी अच्छा होता है। अगहन मास में विवाह करना बहुत शुभ माना जाता है। इस महीने में भगवान श्रीराम का विवाह देवी सीता से हुआ था।

    अगहन मास के त्यौहार

    पंचांग में 12 महीने होते हैं। इनमें से सिर्फ नौवें महीने यानी कि अगहन का ही अतिरिक्त नाम है। अगहन मास का एक नाम मार्गशीर्ष भी है। इस महीने के आखिरी दिन पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में होता है। मृगशिरा से ही मार्गशीर्ष नाम बना है। इस महीने को भगवान श्रीकृष्ण का महीना भी कहा जाता है। अगहन मास में कई त्यौहार मनाए जाते हैं। इनमें से कुछ खास जैसे कालभैरव अष्टमी, उत्पन्ना एकादशी, विवाह पंचमी, नंदा सप्तमी, मोक्षदा एकादशी और अनंग त्रयोदशी हैं। इसके अलावा महीने के आखिरी दिन पूर्णिमा तिथि पर दत्त जयंती का पर्व मनाया जाता है।

    इस महीने में हुआ था भगवान श्री राम का विवाह

    धर्म ग्रंथों के अनुसार अगहन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि त्रेता युग में इसी तिथि पर भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। इस महीने मोक्षदा एकादशी का व्रत भी किया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इस कारण से इस महीने का विशेष महत्व है।

    अगहन माह की प्रमुख तिथियां

    9 नवंबर - बुधवार -अगहन, मार्गशीर्ष मास आरंभ

    11 नवंबर- शुक्रवार- सौभाग्य सुंदरी व्रत

    12 नवंबर- शनिवार- संकष्टी चतुर्थी

    16 नवंबर- बुधवार- काल भैरव जयंती

    20 नवंबर- रविवार- उत्पन्ना एकादशी

    21 नवंबर- सोमवार- सोम प्रदोष व्रत

    22 नवंबर- मंगलवार- मार्गशीर्ष की मासिक शिवरात्रि

    23 नवंबर- बुधवार- मार्गशीर्ष अमावस्या

    27 नवंबर- रविवार- विनायक चतुर्थी

    28 नवंबर- सोमवार- विवाह पंचमी

    29 नवंबर- मंगलवार- चंपा षष्ठी

    3 दिसंबर- शनिवार- मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती

    4 दिसंबर- रविवार- वैष्णव मोक्षदा एकादशी

    5 दिसंबर- सोमवार- अनंग त्रयोदशी व्रत, सोम प्रदोष व्रत

    7 दिसंबर- बुधवार- अन्नपूर्णा जयंती, पूर्णिमा व्रत, सत्य व्रत

    8 दिसंबर- गुरुवार- अगहन पूर्णिमा, मार्गशीर्ष पूर्णिमा

    धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी