Call Girls Racket: भीमा कहीं खोल न दे नाम, आगरा पुलिस के डर से भूमिगत हो गए विदेशी कॉल गर्ल रैकेट के एजेंट
ताजगंज में पुलिस ने होटल में छापा मारकर किया था विदेशी युवतियों के रैकेट का पर्दाफाश। तीन दिन बाद ही किराए के मकान में पकड़ा था रैकेट। पुलिस के रडार पर आने के बाद रैकेट से जुड़े एजेंट हुए गायब। एजेंटों ने अपने मोबाइल भी बंद कर लिए हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। अागरा में पुलिस के रडार पर आए देशी-विदेशी काल गर्ल के एजेंट गिरफ्तारी के डर से भूमिगत हो गए हैं। पुलिस ने होटल और किराए मकान में चल रहे रैकेट पर छापा मारा था। होटल से दो विदेशी युवतियां और मकान से चार युवतियों समेत 14 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। आरोपितों के मोबाइल से पुलिस को कुछ मोबाइल नंबर मिले थे। जो कि आगरा में सक्रिय रैकेट से जुड़े एजेंटों के थे।
आगरा पुलिस ने पिछले वर्ष फरवरी में ताजगंज के एक होटल में छापा मारा था। वहां से विदेशी युवतियों को देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किया था। आगरा में यह पहली कार्रवाई थी। जिसमें विदेशी युवतियां देह व्यापार में पकडी गई थीं। पुलिस ने रोशनी नागवानी को इस रैकेट की सरगना बताते हुए उसे भी गिरफ्तार करके जेल भेजा था। इसके अलावा विदेशी युवतियों के एजेंट भीमा उर्फ सुरेंद्र को भी गिरफ्तार करके जेल भेजा था। पुलिस को भीमा द्वारा शहर में फिर से सक्रिय होने की जानकारी मिली। उसके द्वारा होटलों में विदेशी युवतियों को रुकवाने और उनसे देह व्यापार कराने की शिकायत थी।
छानबीन के बाद सूचना सही मिलने पर पुलिस ने 11 फरवरी को शिल्पग्राम रोड स्थित सपा व्यापार प्रकोष्ठ के पदाधिकारी के होटल शुभ रिजार्ट में छापा मारा था। वहां से दाे विदेशी युवतियों के अलावा भीमा और उसके साथी को गिरफ्तार किया था। भीमा से पूछताछ में पुलिस को देशी-विदेशी युवतियों के आगरा समेत सात शहरों में सक्रिय रैकेटों के बारे में पता चला। यही नहीं आरोपित ने अागरा में सक्रिय अन्य एजेंंट के बारे मेंं पुलिस को जानकारी दी थी। पुलिस ने तीन दिन बाद ही ताजगंज के तोरा चौकी क्षेत्र में छापा मारा। वहां से चार युवतियों और दस युवकों को गिरफ्तार किया।
भीमा और और पकड़े गए अन्य लोगों से पूछताछ में पुलिस को अागरा में सक्रिय हाई प्रोफाइल एजेंट के बारेे में पता चला। बताया जाता है पुलिस कि पुलिस की कार्यवाही से बचने के लजिए यह इस समय अधिकांश एजेंट भूमिगत हो गए हैं। उन्हें डर है कि भीमा और अन्य आरोपितों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस उस तक आसानी से पहुंच सकती है। इसके चलते एजेंटो ने अपने मोबाइल भी बंद कर लिए हैं।
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