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    Exclusive: मायानगरी में संघर्ष भरा रहा इस अभिनेता का सफर, जानिए कहानी उन्‍हीं की जुबानी

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Thu, 09 May 2019 07:52 PM (IST)

    कई मूवीज में भूमिकाओं के बाद आमिर खान के साथ सरफरोश से मिली थी एक्‍टर रमेश गोयल को पहचान। आगरा से है इस अदाकार का गहरा नाता।

    Exclusive: मायानगरी में संघर्ष भरा रहा इस अभिनेता का सफर, जानिए कहानी उन्‍हीं की जुबानी

    आगरा, जागरण संवाददाता। आज भले ही उन्हें हर जगह भरपूर सम्मान मिल रहा हो, लेकिन फर्श से अर्श तक के संघर्ष की गाथा बड़ी कड़वी है। अतीत के पन्ने पलटे तो दास्तान में दर्ज थीं कई महीनों तक प्लेटफॉर्म और फुटपाथों पर गुजारी भूख और प्यास से तड़पती रातें।

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    ये और कोई नहीं बल्कि प्रसिद्ध अभिनेता रमेश गोयल हैं। फतेहपुर सीकरी के गुड़ की मंडी निवासी रमेश गोयल की आगरा में ससुराल है और इन्होंने अब तक करीब 125 फिल्में और 50 टीवी सीरियलों में अदाकारी की हैै। कोई भी ऐसा रोल नहीं है, जो उन्होंने न किया हो। यही वजह है कि वे लंबे समय से अब तक सिने जगत में स्थापित हैैं, जबकि तमाम कलाकार इस क्षेत्र से बाहर हो चुके हैं।

    'सावधान' और 'नंबर गेम' में आएंगे नजर

    रमेश इन दिनों थाईलैंड में बंगाली फिल्म 'जैस' की शूटिंग कर लौटे हैं। उनकी सावधान और नंबर गेम फिल्म की शूटिंग खत्म हो चुकी है। जल्द ही दोनों फिल्में सिल्वर स्क्रीन पर नजर आएंगी।

    सरफरोश से मिली पहचान

    1999 में आमिर खान की फिल्म 'सरफरोश' में काम किया। इस फिल्म में रमेश गोयल को हवलदार कदम का किरदार निभाने का मौका मिला। उसके बाद फिल्मों में अच्छे रोल मिलने शुरू हो गए। उन्होंने बताया आमिर खान ने इस फिल्म में अपने डायलॉग दे दिए थे, जिससे उनका रोल मजबूत हो गया।

    संघर्ष से मिली सफलता

    रमेश गोयल ने बताया कि 1973 में वे फतेहपुर सीकरी से अकेले ही मुंबई गए। जेब में पैसे तक नहीं थे। कई दिन तक भूखे भी रहना पड़ा। एक ही धुन थी फिल्मों में काम करना है। कोई प्रोड्यूसर, डायरेक्टर मिलने को तैयार तक नहीं होता था। बल्कि बेइज्जत किया जाता था, लेकिन हताश नहीं हुए, क्योंकि फतेहपुर सीकरी से यह सोच कर मुंबई गए थे-जीना यहां, मरना यहां। 1974 में 'जानेमन' फिल्म में काम मिला, जिसमें देवानंद और हेमामालिनी थे, लेकिन उससे कोई खास पहचान नहीं मिली। 

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