आगरा में ACP और इंस्पेक्टर का तबादला, होटल में हुई मारपीट की घटना के 1 महीने बाद हटाए
Agra News आगरा के शमसाबाद में होटल में मारपीट के बाद हिंदूवादी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद थाने में बवाल हुआ था। इस घटना के बाद एसीपी और इंस्पेक्टर का तबादला कर दिया गया है। पूर्व विधायक ने कार्रवाई की मांग करते हुए आठ घंटे तक थाने में धरना दिया था। पुलिस कमिश्नर ने कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों का भी तबादला किया है।

जागरण संवाददाता, आगरा। शमसाबाद के डीपी होटल में हुई मारपीट की घटना व हिंदूवादी संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद थाने में रातभर हुए बवाल के एक महीने बाद एसीपी व इंस्पेक्टर को पद से हटा दिया गया है।
विभागीय अधिकारी ट्रांसफर को सामान्य प्रक्रिया बता रहे हैं। वहीं लोग इसे होटल मामले से ही जोड़कर देख रहे हैं। थाने में आठ घंटे तक पूर्व विधायक ने धरना देने के बाद एसीपी और इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की मांग की थी। थाने के घेराव का एलान भी हिंदू वादी संगठनों की ओर से किया गया था।
पूर्व विधायक ने समर्थकों के साथ आठ घंटे तक शमसाबाद थाने में दिया था धरना
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने गुरुवार को शमसाबाद सर्किल के एसीपी गिरीश कुमार सिंह का एसीपी पिनाहट के पद पर ट्रांसफर किया है। इसके साथ ही एसीपी पिनाहट वीरेंद्र कुमार को एसीपी कार्यालय भेजा गया है। एसीपी अमीषा को एसीपी शमसाबाद के पद पर तैनात किया गया है। शमसाबाद थाने के इंस्पेक्टर देवी प्रसाद तिवारी को मॉनीटरिंग सेल का प्रभारी बनाया गया है।
एसीपी व इंस्पेक्टर पर की थी कार्रवाई की मांग, थाने के घेराव का किया था एलान
इंस्पेक्टर मलपुरा पवन कुमार सैनी को शमसाबाद थाने की कमान सौंपी गई है। पीआरओ पुलिस आुयक्त विनोद कुमार मिश्र को मलपुरा थाने का प्रभारी बनाया गया है। एसीपी और इंस्पेक्टर के ट्रांसफर को विभागीय अधिकारी सामान्य प्रक्रिया बता रहे हैं। वहीं लोगों में चर्चा है कि रक्षाबंधन वाले दिन नौ अगस्त को शमसाबाद के डीपी होटल में हुई मारपीट के मामले में होटल प्रबंधक की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे के बाद हिंदूवादी संगठनों के तीन युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने के मामले में यह कार्रवाई की गई है।
पूर्व विधायक ने आठ घंटे तक थाने का किया था घेराव
नौ अगस्त की रात पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पूर्व विधायक डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने समर्थकों सहित थाने का आठ घंटे तक घेराव किया था। पूर्व विधायक ने इस मामले में एसीपी और इंस्पेक्टर शमसाबाद पर कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारियों ने थाने के घेराव का एलान किया था। रात में पुलिस कमिश्नर ने शमसाबाद पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया था।
सर्विलांस सेल और एसओजी हटाए आरक्षी
सर्विलांस सेल और एसओजी सहित अलग-अलग स्थानों पर तैनात 11 आरक्षियों का भी ट्रांसफर किया गया है। नौ सितंबर को पुलिस कमिश्नर की एसओजी टीम और सर्विलांस प्रभारी जैकब फर्नांडिस का पूर्वी जोन में ट्रांसफर किया गया था। सर्विलांस सेल व एसओजी के आरक्षियों को भी पूर्वी जोन भेजा गया था। 12 सितंबर को पुलिस कमिश्नर सर्विलांस सेल में तैनात मुख्य आरक्षी मोहित रावत, आरक्षी कुलदीप शर्मा, शुभम सारस्वत व पुलिस कमिश्नर एसओजी टीम में शामिल अमित कुमार को पूर्वी जोन भेजा गया है।
इसके अलावा अन्य स्थानों पर तैनात मुख्य आरक्षियों का भी तबादला किया गया है। कुल 11 मुख्य आरक्षी व आरक्षी के ट्रांसफर किए गए हैं। चर्चा है कि सिकंदरा के कारगिल तिराहे पर दो मई को दिनदहाड़े हुई बालाजी ज्वैलर्स के यहां लूट और सराफ योगेश चौधरी की हत्या के मामले में वांछित 50 हजार रुपये के इनामी जगदीशपुरा के मघटई में रहने वाले फारुख ने 26 अगस्त को न्यायालय में सरेंडर कर दिया था। पुलिस चार महीने बाद भी उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। एसओजी और सर्विलांस टीम के आरक्षियों को इसी के तहत हटाया गया है।
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