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    एसिड अटैक सर्वाइवर रुकैया को 22 वर्ष बाद मिलेगा मुआवजा, एडीजी के आदेश पर 2022 में दर्ज हुआ था मुकदमा

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 07:45 AM (IST)

    आगरा की रुकैया जो 2002 में तेजाब हमले का शिकार हुई थीं को 22 साल बाद मुआवजा मिलेगा। 14 साल की उम्र में अपनी बहन के देवर द्वारा तेजाब से हमला करने के बाद रुकैया ने 2014 में शीरोज हैंगआउट कैफे से जुड़कर एक नया जीवन शुरू किया। एडीजी राजीव कृष्ण को आपबीती सुनाने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया।

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    रुकैया को अलीगढ़ डीएम कार्यालय मुआवजा दिलाने की प्रकिया पूरी कराने लेकर पहुंचे नरेश पारस। सौजन्य स्वयं

    जागरण संवाददाता, आगरा। एत्माद्दौला के पीलाखार की रहने वाली रुकैया को 22 वर्ष बाद मुआवजा मिलेगा। रुकैया पर उनकी बड़ी बहन की ससुराल तुर्कमान गेट अलीगढ़ में वर्ष 2002 में तेजाब से हमला हुआ था। उस समय वह मात्र 14 वर्ष की थीं।

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    बहन के देवर ने उन पर तेजाब फेंक दिया था, जिससे उनका चेहरा और शरीर झुलस गया था। बड़ी बहन का घर बिगड़ने के दबाव में परिवार के लोगों ने पुलिस कार्रवाई नहीं की थी।

    रुकैया वर्ष 2014 में शीरोज हैंगआउट कैफे से जुडीं। यहां आने पर उन्होंने नए सिरे से जीवन आरंभ किया। कैफे में काम करने लगीं। दिसंबर 2022 में तत्कालीन एडीजी राजीव कृष्ण शीराेज हैंगआउट कैफे एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। 

    यहां रुकैया ने उन्हें आपबीती बताई। तत्कालीन पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह के आदेश पर आरोपित देवर आरिफ के विरुद्ध एत्माद्दौला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। 

    घटनास्थल अलीगढ़ होने के चलते विवेचना थाना कोतवाली अलीगढ़ स्थानांतरित की गई। आरोपित आरिफ वर्तमान में जेल में बंद है। रुकैया के सामने समस्या थी कि कानूनी लड़ाई कैसे लड़ी जाए, उसे इसकी जानकारी नहीं थी। जिस पर सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस उसकी मदद को आगे आए।

    आरोपित की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका पेश की गई थी, जिसकी सुनवाई चल रही है। इस वर्ष अप्रैल में तारीख पर प्रयागराज जाते समय नरेश पारस और रुकैया की बस कानपुर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। 

    नरेश पारस ने अधिवक्ता पीसी पाल के माध्यम से हाईकोर्ट में रुकैया का पक्ष रखा। नरेश पारस ने बताया कि एसिड अटैक सर्वाइवर को अलीगढ़ डीएम कार्यालय में पीड़िता को ले जाकर मुआवजे के आवेदन की प्रक्रिया पूरी कराई गई है।