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    Abortion Law in India: भारत में अवैध है गर्भपात लेकिन किन मामलों में मिल सकती है छूट, पढ़ें एक्सपर्ट की राय

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 02 Jul 2022 03:50 PM (IST)

    Abortion Law in India एक डॉक्टर की सलाह से 12 हफ्ते तक और दो डॉक्टरों की सलाह से 20 हफ्ते तक गर्भपात कराया जा सकता है। गर्भपात की अनुमति तब है जब गर्भावस्था बरकरार रहने से गर्भवती महिला की जान को खतरा हो।

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    मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 कुछ शर्मों पर मेडिकल डॉक्टरों द्वारा गर्भपात कराने की अनुमति देता है।

    आगरा, जागरण संवाददाता। हमारे देश में गर्भपात को लेकर महिलाओं को कानूनी अधिकार नहीं है लेकिन कुछ शर्तों और निश्चित समय सीमा के अंदर गर्भपात कराया जा सकता है। गर्भपात को लेकर नियम और कानून के बारे में देश की अमूमन महिलाओं को अधिक जानकारी नहीे है। महिला अधिवक्ता असमा अली के अनुसार संसोधित मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी 2022 बिल को दो मार्च, 2020 को लोकसभा में पेश किया गया और 17 मार्च, 2022 को पारित किया गया था। एमटीपी अधिनियम 1971 में संशाेधन किया है और नये कानून के तहत इसमें अब गर्भपात के लिए कई श्रेणियां तय की गयी हैं। देश में गर्भपात की समय सीमा को 20 हफ्ते से बढ़ाकर 24 हफ्ते कर दिया गया। इन श्रेणियों में दुष्कर्म पीड़ित, अनाचार की शिकार और शारीरिक रूप से कमजोर महिलाओं काे रखा गया है।

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    ये मामले हैं अपवाद

    हमारे देश में गर्भपात को दंडनीय अपराध माना गया है लेकिन एमटीपी के तहत कुछ मामलों में अपवाद को जगह दी गयी है। मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 कुछ शर्मों पर मेडिकल डॉक्टरों (विशिष्ट स्पेशलाइजेशन वाले) द्वारा गर्भपात कराने की अनुमति देता है। एक डॉक्टर की सलाह से 12 हफ्ते तक और दो डॉक्टरों की सलाह से 20 हफ्ते तक गर्भपात कराया जा सकता है। गर्भपात की अनुमति तब है जब गर्भावस्था बरकरार रहने से गर्भवती महिला की जान को खतरा हो, उसके मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो सकता हो (दुष्कर्म और गर्भ निरोध के उपायों के के असफल होने सहित) या भ्रूण असामान्य हो। गर्भावस्था के किसी भी चरण में गर्भपात कराया जा सकता है अगर महिला के जीवन को बचाने के लिए जरूरी हो। असामान्य भ्रूण के मामलों में 24 हफ्ते के बाद गर्भपात पर फैसला लेने के लिए बिल में राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्डस का गठन किया गया है।

    गर्भावस्था के चरण और गर्भपात की शर्तें

    - 12 हफ्ते तक एक डॉक्टर की सलाह से गर्भपात कराया जा सकता है।

    - 12 से 20 हफ्ते तक दो डॉक्टरों की सलाह से गर्भपात कराया जा सकता है।

    - 20 से 24 हफ्ते तक अनुमत‍ि नहीं होती, ले‍किन कुछ श्रेणी की महिलाओं के लिए दो डॉक्टरों की सलाह से गर्भपात कराया जा सकता है।

    - 24 हफ्ते से अधिक तक अनुमति नहीं होती लेकिन भ्रूण के अत्यधिक विकृत होने पर मेडिकल बोर्ड की सलाह से गर्भपात कराया जा सकता है।

    - गर्भावस्था के दौरान कभी भी एक डॉक्टर, अगर गर्भवती महिला का जीवन बचाने के लिए तत्काल ऐसा करना जरूरी हो। 

    एडवोकेट असमा अली, आगरा