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    उत्तर प्रदेश के चर्चित पनवारी कांड में 35 साल बाद आया फैसला, 36 दोषी करार; 15 बरी

    Updated: Wed, 28 May 2025 05:44 PM (IST)

    आगरा के चर्चित पनवारी कांड में 35 साल बाद अदालत का फैसला आया है। एससी/एसटी न्यायालय ने 78 आरोपितों में से 36 को दोषी पाया जबकि 15 को बरी कर दिया। यह म ...और पढ़ें

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण

     जागरण संवाददाता, आगरा। चर्चित पनवारी कांड में 35 साल बाद आया फैसला। न्यायालय ने 36 आरोपितों को दोषी करार दिया है। वहीं 15 आरोपितों को बरी कर दिया। वर्ष 1990 में हुए पनवारी कांड में 34 वर्षों बाद अदालत ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

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    अनुसूचित जाति और जाट समुदाय के बीच हुए टकराव में एससी/एसटी मामलों की विशेष न्यायालय ने कुल 78 आरोपितों में से 36 आरोपियों को दोषी ठहराया है, जबकि 15 लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया।

    अब 30 मई को दोषियों की सजा का निर्धारण किया जाएगा। 27 आरोपितों की अब तक मौत हो चुकी है। 21 जून 1990 को सिकंदरा थाना क्षेत्र स्थित पनवारी गांव में अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले चोखेलाल जाटव की बेटी मुंद्रा की शादी थी।

    बारात नगला पदमा से आनी थी, लेकिन स्थानीय जाट समुदाय के लोगों ने दलित परिवार की बरात को चढ़ने से रोक दिया। इस पर विवाद बढ़ गया और अगले दिन जब प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में दोबारा बारात चढ़ाने की कोशिश की गई, तो 5 से 6 हजार लोगों की भीड़ ने इसका विरोध किया।