यू-डायस डाटा भरने में बरत रहे बड़ी लापरवाही, आगरा में 2400 स्कूलों पर निष्क्रिय होने की लटकी तलवार
आगरा जिले में 5584 में से 2400 स्कूलों ने यू-डायस पोर्टल पर सत्र 2025-26 के लिए डेटा अपलोड नहीं किया है। अंतिम तिथि 30 नवंबर है, जिसके बाद अधूरा डेटा डिलीट कर खाते निष्क्रिय कर दिए जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए लापरवाह स्कूलों को चेतावनी दी है। डेटा अपडेट न करने पर स्कूलों की मान्यता और अनुदान पर रोक लग सकती है।

सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता, आगरा। जिले के हजारों स्कूलों की लापरवाही अब उनके लिए संकट खड़ा कर सकती है। स्कूलों द्वारा यह लापरवाही सत्र 2025-26 के लिए यू-डायस पोर्टल पर आनलाइन डाटा अपलोड करने में की जा रही है।
स्थिति यह है कि जिले के 5584 स्कूलों में से 2400 स्कूओं ने अब तक अपना डाटा पूरा अलोड नहीं किया है। जबकि शासन स्तर से इसे पूरा करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर है और विभाग कई बार स्पष्ट चेतावनी दे चुका है कि 30 नवंबर के बाद डाटा पोर्टल बंद हो जाएगा।
अधूरा डाटा डिलीट कर संबंधित स्कूलों के खाते को निष्क्रिय कर दिया जाएगा। जिले की बात करें, तो पंजीकृत 990328 विद्यार्थियों में से 144878 विद्यार्थियों का डाटा अभी भी अधूरा है। सिर्फ 840984 विद्यार्थियों का कार्य ही पूरा हो पाया है।
जबकि शेष स्कूल अपनी जनरल प्रोफाइल, एनरोलमेंट प्रोफाइल और फैसीलिटी प्रोफाइल तक अपडेट नहीं कर पाए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए ऐसे स्कूलों को सीधे निशाने पर ले चुका है।
सख्ती का कारण शासन स्तर से लगातार हो रहा निगरानी और पूछताछ है, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि समय सीमा पार होते ही देर करने वाले स्कूल किसी भी प्रकार की राहत की उम्मीद न करें।
जो संस्थान निर्धारित समय में डाटा पूरा नहीं करेंगे, उनके डाटा को पोर्टल से हटाकर उन्हें निष्क्रिय कर दिया जाएगा। इससे स्कूलों की मान्यता से संबंधित कार्यवाही, अनुदान, संसाधन आवंटन और अन्य सभी प्रक्रियाओं पर रोक लग सकती है।
विभाग के अनुसार आगरा जिले का यह अधूरा आंकड़ा विभागीय अधिकारियों के लिए भी गंभीर चुनौती बना हुआ है। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी जितेंद्र कुमार गोंड ने बताया कि सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों, प्रबंध समितियों और आपरेटरों को अंतिम चेतावनी जारी की है।
यू-डायस अपडेट में लापरवाही अब किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी लापरवाही बरतेगा, वह परिणाम के लिए स्वयं जिम्मेदार होगा। स्कूलों से अपेक्षा की गई है कि बिना देर किए अपने-अपने पोर्टल पर डाटा अपलोड कर प्रक्रिया पूर्ण करें।

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