गंगा और यमुना नदी में छोड़ेंगे मछलियों के 16 लाख बच्चे, ये प्रजातियां बढ़ाएंगी नदियों की रौनक
नदियों में जलीय जीवों की संख्या को बढ़ावा देने के लिए शुरू हुई कोशिश। रोहू मृगल कतला सिल्वर कार्प ग्रास कार्प और कामन कार्प प्रजाति की मछली। प्रदूषण के चलते मत्स्य संपदा में गिरावट आ रही है। इसके चलते जलीय जीव और जंतु की संख्या कम हो रही है।

आगरा, जागरण संवाददाता। नदियों के पारिस्थतिकी तंत्र को संतुलित रखने के लिए मत्स्य विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। आगरा और अलीगढ़ मंडल के पांच जिलों में गंगा और यमुना नदी के प्रवाहित जल में 16 लाख मछली के बच्चे छोड़े जाएंगे, जिनमें रोहू, मृगल, कतला, सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प और कामन कार्प प्रजाति की मछली शामिल है। विभागीय अधिकारी का दावा है कि नदी में प्राकृतिक तरीके से भोजन प्राप्त करेंगी।
प्रदूषण के चलते मत्स्य संपदा में गिरावट आ रही है। इसके चलते जलीय जीव और जंतु की संख्या कम हो रही है। पारिस्थतिकी तंत्र को संतुलित रखने और जलीय जीवों की संख्या को बढ़ावा देने के लिए नदियों में मछली के बच्चे छोड़ें जाएंगे। मत्स्य संपदा की बढ़ोत्तरी के लिए आगरा और अलीगढ़ दोनों मंडल के पांचों जिलों में कुल 16 लाख मछली के बच्चे छोड़े जाएंगे। जहां पर हर समय पानी प्रवाहित होता रहता है। सबसे कम मथुरा में 3 लाख जबकि अन्य जिलों आगरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद, कासगंज में 3.25-3.25 लाख बच्चे छोड़े जाएंगे। मछलियों का आकार 80 से 100 मिलीमीटर रहेगा।
48 लाख रुपये के मछली प्रवाहित करेंगे
मछली के बच्चे (मत्स्य अंगुलिका) की कीमत तीन रुपये है। कुल 16 लाख मछली के बच्चे छोड़े जाएंगे, ऐसे में दोनों नदियों में 48 लाख रुपये कीमत की मछली नदी में प्रवाहित की जाएगी। इसमें विभाग ने मछली के बच्चे आपूर्ति करने के लिए निविदा आमंत्रित की है।
जिला -- -- -- -- स्थल
आगरा -- -- -- -पाेइया घाट, वलाई का घाट-बाह
फिरोजाबाद -- -- शंकरपुर घाट, रपड़ी घाट
मथुरा -- -- -- -- गोकुल बैराज, गोकुल बैराज के नीचे
अलीगढ -- -- -- ग्राम सिकारा-बिजौली (अतरौली)
कासगंज -- -- -- ढेला सराय, महमूदपुर पुख्ता (सोरों)
मत्स्य संपदा को बढावा देने के लिए गंगा और यमुना नदी में मछली के बच्चे छोड़े जाएंगे, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, अलीगढ़ और कासगंज में कुल 16 लाख मछली प्रवाहित किया जाना है। इसके लिए निविदा प्रकाशित की गई है। प्रत्येक मछली का आकार 80 से 100 मिलीमीटर रहेगा।
पुनीत कुमार, उप निदेशक, मत्स्य, आगरा-
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।