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    एक जिद ने कॉलोनी को बना दिया हराभरा

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    Updated: Mon, 29 Aug 2016 01:19 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, आगरा: इच्छा शक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं। ऐसा ही कर दिखाया है 75 साल के बुजुर्ग सु

    जागरण संवाददाता, आगरा: इच्छा शक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं। ऐसा ही कर दिखाया है 75 साल के बुजुर्ग सुभाष अग्निहोत्री ने। उनकी एक जिद ने वीरान पड़ी इंद्रधनुष कॉलोनी को हराभरा बना दिया।

    बसेरा सहकारी समिति लिमिटेड ने वर्ष 1998 में दयालबाग क्षेत्र में इंद्रधनुष कॉलोनी है। लगभग 75 लोगों के घर हैं। इंद्रधनुष कॉलोनी विकास समिति इसका प्रबंध देखती है। इसके लिए प्रति परिवार मामूली शुल्क लिया जा रहा है। इसके अलावा कॉलोनी में त्योहार व 15 अगस्त और 26 जनवरी के कार्यक्रम भी मिल-जुलकर मनाने की परंपरा है।

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    लोकल हीरो

    सुभाष अकेले चले थे फिर कारवां बना

    कॉलोनी में एक पार्क है। करीब सात-आठ साल पहले यह वीरान पड़ा था। करीब आठ साल पहले विधायक डॉक्टर धर्मपाल सिंह ने पार्क के सुंदरीकरण के लिए कुछ बजट पास कराया, जिसकी मदद से पार्क की बाउंड्रीवाल और वॉकिंग पाथ का निर्माण हुआ, मगर पार्क को बदहाली से उबारा नहीं जा सका। कॉलोनी के दो लोगों ने प्रयास किए, मगर वह सफल नहीं हो सके। इसके बाद पार्क को बेहतर बनाने की कमर कसी मध्यप्रदेश से विकास विभाग से रिटायर होकर इंद्रधनुष कॉलोनी में रहने आए सुभाष अग्निहोत्री ने। उन्होंने अकेले ही वीरान पार्क को हरा-भरा करना शुरू कर दिया। उन्हें दिनभर पार्क में लगा देख शुरुआत में कॉलोनी के कुछ लोगों ने उन पर फब्तियां भी कसीं और पूछा कि क्या वह इसे शाहजहां पार्क बनाने की सोच रहे हैं, लेकिन इससे बेपरवाह सुभाष अग्निहोत्री डटे रहे। अब जाकर पार्क का जो स्वरूप सामने आया है, उसे देखकर फब्तियां कसने वाले शर्मिदा हो जाते हैं। कॉलोनी के अन्य लोग भी अब उनके साथ जुड़कर पार्क को सुंदर बनाने में लगे हैं। पार्क की सुंदरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब दूसरी कॉलोनी के लोग भी सुबह और शाम के समय यहां टहलने के लिए आने लगे हैं।

    भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते बीती नौकरी: कृष्ण स्वरूप दुबे

    सहकारिता विभाग में डिवीजनल अकाउंटेंट के पद से रिटायर हुए कृष्ण स्वरूप दुबे अपने विभाग में घोटाले पकड़ने के लिए जाने जाते हैं। श्री दुबे ने बताया कि अपने कार्यकाल में उन्होंने दर्जनों की संख्या में छोटे-मोटे घोटाले पकड़े, लेकिन उनके जीवन की सबसे बड़ी कामयाबी लैक्फेड घोटाला रहा। सरकार द्वारा कराई गई जांच में उन्होंने व उनके दो अन्य साथियों ने 300 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया। इस घोटाले में तत्कालीन सरकार के तीन मंत्रियों समेत 23 लोगों को जेल जाना पड़ा, जिसमें से कई को सजा हो चुकी है।

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    नन्ही कलाकार: मंशा चौधरी

    आठ साल की मंशा अच्छी कत्थक नृत्यांगना है। वह डीपीएस में कक्षा तीन की छात्रा है। हालांकि मंशा नृत्य के क्षेत्र में नहीं, बल्कि प्रशासनिक अफसर बनना चाहती है।

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    रिटायर्ड लोगों की कॉलोनी

    इंद्रधनुष कॉलोनी को अगर रिटायर लोगों की कॉलोनी कहें, तो अतिशयोक्ति न होगी। 75 परिवारों में से करीब 35 के गृहस्वामी रिटायर्ड कर्मचारी और अधिकारी हैं। कॉलोनी समिति के अध्यक्ष डीपी पांडेय विद्युत विभाग में एसडीओ के पद से रिटायर हैं, जबकि सुभाष अग्निहोत्री के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पार्क को संवारने में जुटे आरके डेविड पंजाब नेशनल बैंक से वरिष्ठ प्रबंधक के पद से रिटायर हैं।

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