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तहसील के लिए लखनऊ में गरजेगी चाहरवाटी

मलपुरा: अकोला को तहसील बनाने के लिए रविवार को ग्रामीणों ने हुंकार भरी। महापंचायत में फैसला हुआ कि अब

By Edited By: Published: Mon, 18 Apr 2016 01:51 AM (IST)Updated: Mon, 18 Apr 2016 01:51 AM (IST)

मलपुरा: अकोला को तहसील बनाने के लिए रविवार को ग्रामीणों ने हुंकार भरी। महापंचायत में फैसला हुआ कि अब सरकार तक आवाज पहुंचाने के लिए लखनऊ में विधानसभा का घेराव कर प्रदर्शन किया जाएगा।

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अकोला को तहसील बनाने की मांग लंबे समय से उठ रही है। रविवार को अकोला तहसील बनाओ संघर्ष समिति की महापंचायत चौ. चरण सिंह चाहरवाटी महाविद्यालय में हुई। इसमें बड़ी संख्या में कई गांव के लोगों ने भाग लिया। संघर्ष समिति के संयोजक केदार सिंह ने कहा कि अकोला तहसील के प्रस्तावित नक्शे में 85 गांव हैं। फिर भी तहसील का दर्जा नहीं मिला। वर्ष 2006 से अब तक चार बार राजस्व परिषद को प्रस्ताव भी भेजे जा चुके हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। सरकार ने अपने स्वार्थ के लिए 35 गांव के क्षेत्र को तहसील बना दिया है। अब जनता इसका जवाब देगी। अगर डीएम मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं कराते हैं तो लखनऊ में विधानसभा का घेराव किया जाएगा। महापंचायत में आए ग्रामीणों ने हाथ उठाकर अपना समर्थन भी दिया।

पुरुषोत्तम चाहर ने कहा कि 15 साल पहले अकोला को तहसील बनाने की मांग उठी थी। वर्ष 2004 में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अकोला को तहसील बनाने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब राजनैतिक दल के बिना ही अपने आंदोलन को धार देंगे। विधायक कालीचरन सुमन ने कहा कि वो विधानसभा में यह मामला उठा चुके हैं। इस आंदोलन में वो जनता के साथ हैं। महापंचायत में कांग्रेस नेता उपेंद्र सिंह, राजू प्रधान, सुखवीर सिंह, हरेश चंद्र शर्मा, जितेंद्र लाला, राकेश चाहर, सुरेंद्र चाहर, प्रधान सत्यवीर, कैप्टन नथौली सिंह आदि उपस्थित रहे।

प्रधानों ने किया जमीन देने का एलान

लालऊ के प्रधान शेर सिंह ने महापंचायत में कहा कि तहसील के लिए जमीन की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। वह अपनी जमीन देने को तैयार हैं। इसके अलावा राजू प्रधान ने भी एक बीघा जमीन देने की घोषणा की है।

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