एनीमिया है तो इंजेक्शन से पूरी होगी खून की कमी
अजय दुबे, आगरा: हर दूसरी महिला एनीमिया (खून की कमी) की शिकार है। ऐसे में एसएन में हुई स्टडी के चौंका ...और पढ़ें

अजय दुबे, आगरा: हर दूसरी महिला एनीमिया (खून की कमी) की शिकार है। ऐसे में एसएन में हुई स्टडी के चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। इससे एक महीने में एनीमिया (आयरन की कमी से होने वाला) का इलाज संभव है।
एसएन के स्त्री रोग विभाग में एनीमिया से पीड़ित महिलाओं पर स्टडी की गई। इसमें गर्भवती महिलाओं के साथ सामान्य महिलाओं को भी लिया गया, जिनका हीमोग्लोबिन छह ग्राम था। डॉ. रिचा सिंह ने बताया कि इन महिलाओं को आयरन सुक्रोज इंजेक्शन लगाए गए। ये इंजेक्शन गुर्दा रोगियों में खून की कमी होने पर डायलिसिस से पहले लगाया जाता है। हर सप्ताह एक इंजेक्शन एक महीने तक महिलाओं को दिया गया। इन महिलाओं में पांच डोज लगने के बाद हीमोग्लाबिन की जांच कराई गई। इसके परिणाम बहुत अच्छे आए हैं, इनका हीमोग्लोबिन छह से बढ़कर 10 ग्राम तक पहुंच गया। स्टडी में जून 2015 से लेकर जनवरी 2016 तक 250 महिलाओं को शामिल किया गया। स्टडी को मेडिकल जरनल में प्रकाशित होने के लिए भेजा जा रहा है। साथ ही एसएन में एनीमिया की शिकार महिलाओं का इलाज भी इंजेक्शन से किया जा रहा है।
खून चढ़ाए बिना बढ़ेगा हीमोग्लोबिन
अभी तक हीमोग्लोबिन कम होने पर खून चढ़ाया जाता है। इसलिए खून की मांग लगातार बढ़ रही है, जबकि रक्तदान करने वालों की संख्या बहुत कम है। इसके चलते कई केस में खून की कमी होने पर मौत तक हो जाती है, मगर इंजेक्शन के इस्तेमाल से खून चढ़ाए बिना हीमोग्लोबिन बढ़ सकता है।
महिलाओं में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर - 12 से अधिक
10 से कम - माइल्ड एनीमिया
आठ से कम - मॉडरेट एनीमिया
छह से कम - सीवियर एनीमिया
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एक महीने में इंजेक्शन की पांच डोज से हीमोग्लोबिन छह से बढ़कर 10 ग्राम हो सकता है। इससे तमाम मरीजों की जान बचाई जा सकती है।
डॉ. रिचा सिंह, स्त्री रोग विभाग
80 फीसद गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी होती है, लेकिन रक्तदान करने वालों की संख्या कम होने से ब्लड बैंक में भी खून की कमी रहती है।
डॉ. हरेंद्र कुमार, एसएन ब्लड बैंक प्रभारी
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