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    बीफार्मा-बायोटेक में शिवानी ने किया टॉप, सजल दूसरे नंबर पर

    जागरण संवाददाता, आगरा: बुधवार को घोषित यूपीएसईई के रिजल्ट में आगरा के होनहारों ने परचम फहराया। बीफार

    By Edited By: Updated: Wed, 20 May 2015 10:31 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, आगरा: बुधवार को घोषित यूपीएसईई के रिजल्ट में आगरा के होनहारों ने परचम फहराया। बीफार्मा की टॉप टेन की सूची में शहर के दो छात्र-छात्राओं ने अपना स्थान बनाया है। बीफार्मा और बायोटेक में शिवानी गर्ग ने टॉप किया है। बीफार्मा में ही सजल गुप्ता दूसरे नंबर पर रहे। एमबीए में रोहित सिंह का तीसरा, बायोटेक में दिव्या तोमर का दसवां स्थान है। बीटेक (एसटी) में नीरज मीणा, प्रदेश में पांचवा स्थान हासिल करने में कामयाब रहे।

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    बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य प्रवेश परीक्षा (यूपीएसईई) के रिजल्ट घोषित होते ही छात्र-छात्राओं के चेहरे सफलता से खिल उठे। बी फार्मा और बायोटेक में टॉप करने वाली खेरागढ़ निवासी शिवानी बलूनी क्लासेज से मेडिकल की तैयारी कर रही हैं। वे न्यूरोलॉजिस्ट बनना चाहती हैं। बी फार्मा में दूसरा स्थान हासिल करने वाले सजल भी मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में आगे जाना चाहते हैं। परीक्षा में शहर के करीब पंद्रह हजार छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे।

    पापा को डॉक्टर बनकर दिखाऊंगी: शिवानी

    शिवानी के बारे में जो भी सुनता है, यही कहता है। बिटिया को डॉक्टर बनाने के लिए मम्मी-पापा जी-जान से जुटे हैं। इसीलिए बेटी को खेरागढ़ से शहर में रहकर पढ़ने के लिए भेज दिया। शिवानी नौवीं कक्षा से हॉस्टल में रह रही हैं। उसने बताया कि उनके पिता अजय गर्ग डॉक्टर बनना चाहते थे। अब वो अपने पापा के लिए डॉक्टर बनेंगी। मां सुनीता गर्ग हर कदम पर अपनी बेटी के साथ हैं। शिवानी को टीवी देखने का शौक है लेकिन उन्हें याद नहीं कि पिछली बार उन्होंने कब फिल्म देखी थी। आगरा पब्लिक स्कूल से साल 2014 में बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली शिवानी के बारहवीं में 91.6 प्रतिशत नंबर पाए थे।

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    शोध क्षेत्र में जाना चाहते हैं सजल

    बीफार्मा में दूसरे स्थान पर रहे सजल मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में जाना चाहते हैं। देवरी रोड निवासी सजल के पिता कपड़ा व्यवसायी हैं। मां ललिता अपने बेटे पर पढ़ाई के लिए कभी दबाव नहीं डालतीं। सजल का जब मन होता है, वो तभी पढ़ते हैं। हॉरिजन कोचिंग से सीपीएमटी की तैयारी कर रहे सजल ने बताया कि वो दिन में सात-आठ घंटे पढ़ते हैं। उनका कहना है कि अच्छे नंबर लाने हैं तो एकाग्रचित्त होना जरूरी है।

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    मेरे आदर्श पापा हैं: दिव्या

    बायोटेक में दसवां स्थान पाने वाली दिव्या पापा डॉ. एचएस तोमर को अपना आदर्श मानती हैं। डॉ. तोमर होम्योपैथी फिजीशियन हैं। दिव्या एलोपैथी चिकित्सक बनना चाहती हैं। इंद्रापुरम निवासी डॉ. तोमर ने बताया कि दिव्या पहली कक्षा से ही फ‌र्स्ट आती थी। उसका ध्यान सिर्फ पढ़ाई पर रहता है। मां गीतांजलि भी बेटी की सफलता पर बहुत खुश हैं।

    इंजीनियर बनना चाहते हैं नीरज

    बीटेक (एसटी) में पांचवा स्थान हासिल करने वाले नीरज इंजीनियर बनना चाहते हैं। वे आइआइटी की तैयारी कर रहे हैं। उनका सलेक्शन एनडीए में हो चुका है। नीरज के पिता डीआर मीणा पुलिस में हैं। उन्होंने बताया कि नीरज शुरू से ही मेधावी रहे हैं। अभी उनका बारहवीं का परीक्षाफल घोषित नहीं हुआ है।