बजट पर टिकी निगाहें, ऐसे तैयार होता है आम बजट
बजट कैसे बनता है? कौन बनाता है? किस प्रिटिंग प्रेस में इसकी छपाई होती है? इस प्रक्रिया में कौन शामिल होता है।
नई दिल्ली। आज पेश होने वाले और भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा और दशा तय करने वाले राष्ट्रीय आम बजट का हर कोई इंतजार कर रहा है। बजट कैसे बनता है? कौन बनाता है? किस प्रिटिंग प्रेस में इसकी छपाई होती है? इस प्रक्रिया में कौन शामिल होता है। ये वो सवाल हैं जिनका जवाब हर कोई जानना चाहता है। करीब 2 घंटे तक, बिना रुके संसद में पढ़ा जाने वाला बजट तैयार कैसे होता है, आइए हम आपको बताते हैं।
1. क्या होता है बजट?
देश का बजट एक लीगल डॉक्यूमेंट होता है। जो संसद द्वारा पास कराया जाता है। इसे देश का राष्ट्रपति अनुमोदित करता है। भारत सरकार प्रत्येक वित्तीय वर्ष में होने वाले खर्चे का ब्यौरा पेश करती है। इसे ही बजट कहा जाता है।
2. कितने प्रकार के होते हैं बजट?
केंद्रीय बजट दो प्रकार का होता है। पहला - रेलवे बजट जो रेलवे फाइनेंस का ब्यौरा देता है। जबकि दूसरा जनरल बजट होता है, जो पूरे साल सरकार के आय और व्यय का लेखा जोखा बनाता है।
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3. बजट की आवश्यकता क्यों होती है?
सामान्य स्थिति में बजट निर्माण की प्रक्रिया सितंबर से शुरू हो जाती है। सभी मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त निकायों को सर्कुलर भेजा जाता है, जिसके जवाब में विवरण के साथ उन्हें आगामी वित्तीय वर्ष के अपने-अपने खर्च, विशेष परियोजनाओं का ब्यौरा और फंड की आवश्यता की जानकारी देनी होती है। यह बजट की रूपरेखा के लिए एक आवश्यक कदम हैं।
4. किस तरह तैयार होता है बजट?
वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी, विशेषज्ञ, प्रिंटिंग टेक्निशियन और स्टेनोग्राफर्स नार्थ ब्लॉक में एक तरह से कैद में रहते हैं और आखिरी के सात दिनों में तो बाहरी दुनिया से एकदम कट जाते हैं। वे परिजन से भी बात नहीं कर सकते हैं। किसी आपातकालीन स्थिति में, इन अधिकारियों के परिवार उन्हें दिए गए नंबर पर संदेश छोड़ सकते हैं लेकिन उनसे सीधे बात नहीं कर सकते।
5. जब प्रणब मुखर्जी ने दिया था सबसे लंबा भाषण
वर्ष 1982 में देश के तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 1 घंटे 35 मिनट तक बजट भाषण दिया था जो सबसे लंबा भाषण था। तभी से लंबा बजट भाषण देने का ट्रेंड देश में चला आ रहा है। मुखर्जी के भाषण के बाद इंदिरा गांधी ने कहा था 'सबसे छोटे कद के वित्त मंत्री ने सबसे लंबा बजट भाषण दिया।'
6. कब होती है प्रिंटिंग?
वित्त मंत्री का भाषण एक सबसे सुरक्षित दस्तावेज है। यह बजट की घोषणा होने के दो दिन पहले मध्यरात्री में प्रिंटर्स को सौंपा जाता है।
7. लोकसभा में कब पेश किया जाता है बजट?
वित्त मंत्री के बजट का भाषण आमतौर पर दो भागों में संसद में प्रस्तुत होता है। पहले बजट फरवरी के आखिरी वर्किंग डे पर शाम 5 बजे पेश होता था लेकिन 1999 से यह फरवरी के आखिरी वर्किंग डे पर सुबह 11 बजे पेश होने लगा।
8. 2014 में दो बार क्यों आया था बजट?
जिस साल लोकसभा चुनाव होते हैं। तब बजट दो बार पेश किया जाता है। पहला : वोट ऑन एकाउंट बजट (लेखानुदान) होता है तो दूसरा चुनाव पूरा होने के बाद नई सरकार द्वारा पेश किया जाता है।
9. कितने समय का बनाया जाता है बजट?
आमतौर पर बजट 11 महीने का तैयार किया जाता है। जोकि अप्रैल से शुरु होकर अगले साल की मार्च तक चलता है।
10. कैसे होती है इसकी निगरानी?
संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में इंटेलिजेंसी ब्यूरो के अधिकारी बजट बनाने वाली टीम की गतिविधियों और फोन कॉल्स पर नजर रखते हैं। स्टेनोग्राफर्स पर सबसे अधिक नजर रखी जाती है। साइबर चोरी की आशंका से बचने के लिए इन स्टेनोज के कम्प्यूटर्स नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) सर्वर से अलग रहते हैं। एक पॉवरफुल मोबाइल जैमर नार्थ ब्लॉक में कॉल्स को ब्लॉक करने और जानकारियों के लीक होने से बचने के लिए इंस्टॉल किया जाता है।
11. बजट की गोपनीयता
बजट निर्माण की प्रक्रिया को इतना गोपनीय रखा जाता है कि संसद में पेश होने तक इसकी किसी को भनक भी न लगे। इस गोपनीयता को सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्रालय के नार्थ ब्लाक स्थित दफ्तर को बजट पेश होने के कुछ दिनों पहले से एक अघोषित ‘क़ैदखाने’ में तब्दील कर दिया जाता है।
बजट की छपाई से जुड़े कुछ कर्मचारियों को यहां पुलिस व सुरक्षा एजेंसियो के कड़े पहरे में दिन-रात रहना होता है। बजट के दो दिन पहले तो नार्थ ब्लाक में वित्त मंत्रालय का हिस्सा तो पूरी तरह सील कर दिया जाता है। यह सब वित्त मंत्री के बजट भाषण के पूरा होने और वित्त विधेयक के रखे जाने के बाद ही समाप्त होता है।
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