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    कालिंदी कुंज के पास यमुना में बढ़ते झाग पर TERI ने पेश की रिपोर्ट, सरकार बनाएगी विशेष समन्वय कमेटी

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 06:00 AM (IST)

    कालिंदी कुंज के पास यमुना में बढ़ते झाग की समस्या को लेकर TERI के सुझावों पर सरकार ने विचार किया। सरकार एक विशेष समन्वय कमेटी बनाएगी जो TERI के सुझावो ...और पढ़ें

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    कालिंदी कुंज घाट पर प्रदूषण के कारण यमुना में बना झाग। जागरण आर्काइव 

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। कालिंदी कुंज के पास यमुना में झाग की समस्या एक बार से बढ़ने लगी है। समस्या के कारण और इसके समाधान को लेकर द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) ने हाल ही में दिल्ली सरकार को अपनी अध्ययन रिपोर्ट पेश की है।

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    उसने कई सुझाव दिए हैं। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने यमुना सफाई के लिए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को शामिल कर विशेष समन्वय कमेटी गठित करने की घोषणा की है।

    उन्होंने मंगलवार को पर्यावरण विभाग अधिकारियों व टेरी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रिपोर्ट पर चर्चा की। अध्ययन के लिए टेरी ने दिल्ली में यमुना और उससे जुड़े प्रमुख नालों, औद्योगिक क्षेत्रों तथा सीवेज उपचार संयंत्रों एसटीपी) के 50 स्थानों से 100 नमूने एकत्र किए थे।

    सीधा नदी में जा रहा कचरा

    रिपोर्ट के अनुसार कुछ स्थानों पर बिना उपचारित सीवेज, औद्योगिक अपशिष्ट और ठोस कचरा सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे झाग, रासायनिक प्रदूषण और माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा बढ़ रही है। टेरी ने उन्नत आक्सीकरण प्रक्रिया, जैविक उपचार और सतत निगरानी जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाने की सिफारिश की है।

    टेरी ने विभागवार कार्ययोजना भी प्रस्तुत की। एसटीपी और कामन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का उन्नयन, स्थानीय स्तर पर छोटे ईटीपी स्थापित करने, नियमों का उल्लंघन करने वाली औद्योगिक इकाइयों पर सख्त कार्रवाई, स्कूल-कालेजों में जागरूकता अभियान और वास्तविक समय निगरानी डैशबोर्ड तैयार करने जैसे कदम उठाने को कहा है।

    यमुना सफाई सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता 

    मंत्री ने कहा, “मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार यमुना सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। टेरी की इस वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर माइक्रोप्लास्टिक, झाग और अन्य प्रदूषकों को दूर करने के लिए काम किया जाएगा। इसके लिए सीवेज प्रबंधन, औद्योगिक अपशिष्ट व ठोस कचरा प्रबंधन और जन जागरूकता को लेकर समन्वित प्रयास जरूरी हैं।”

    उन्होंने सभी संबंधित विभागों को इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने, प्रदूषण के प्रमुख हाटस्पॉट चिह्नित करने और नियमित प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। बैठक में पर्यावरण, उद्योग, स्वास्थ्य, दिल्ली जल बोर्ड, नगर निगम और शहरी विकास विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।