गाजियाबाद में डेंगू का कहर, पांच साल में 3617 मामले; चार मरीजों की मौत
गाजियाबाद में डेंगू का प्रकोप जारी है। पिछले पांच सालों में 98594 लोगों की जांच के बाद 3617 डेंगू पॉजिटिव मामले आए जिनमें से चार लोगों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियंत्रण प्रयासों के बावजूद शहरी क्षेत्रों में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं खासकर पॉश इलाकों में। मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

जागरण संवाददाता,गाजियाबाद। डेंगू को लेकर गाजियाबाद समेत कई जिले अतिसंवेदनशील है। साल में दो बार संचारी रोग नियंत्रण अभियान संचालित होने के बाद भी डेंगू का संक्रमण जारी है। पांच साल की रिपोर्ट के अनुसार 98594 लोगों की डेंगू जांच के बाद 3617 लोगों की जांच रिपोर्ट पाजिटिव दर्ज की गई है। 1645 मरीजों को गंभीर हालत में अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा।
प्लेटलेट्स गिरने पर लोग इंटरनेट मीडिया पर ब्लड की मांग करते रहे। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में पांच साल में केवल चार डेंगू मरीजों की मौत दर्ज की गई है। प्राइवेट लैब में डेंगू की अधिकांश जांच रिपोर्ट पॉजिटिव तो सरकारी में नेगेटिव आती है।
डोर टू डोर सर्वे में 313079 घरों में डेंगू मच्छर का लार्वा मिलने पर नष्ट कराया गया है। इनको नोटिस भी जारी किया गया है। इस साल भी 60 से अधिक अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित किए गए हैं।शहरी क्षेत्रों में सबसे अधिक डेंगू के केस हर साल मिलते हैं।
यह स्थिति तब है जबकि कीटनाशक दवाओं का खूब छिडकाव हो रहा है।27 लाख रुपये खर्च करके वर्षा से पहले डेंगू जांच किट खरीदी गईं हैं। जिला एमएमजी अस्पताल परिसर स्थित आईडीएसपी में संचालित जिला पब्लिक हेल्थ लैब (डीपीएचएल) को सातों दिन और 24 घंटे खोलते हुए डेंगू जांच के आदेश जारी किए गए हैं लेकिन शाम होते ही लैब बंद हो जाती है। इमरजेंसी में जरूर सैंपल एकत्र करके अगले दिन लैब में भेजे जाते हैं।
डेंगू साफ घरों में छिपता है मच्छर
डेंगू गंदगी में कम साफ-सफाई वाले स्थानों पर अधिक फैलता है। बाथरूम में रखे पानी में, कूलर के पानी में, गिलास या जग में भरे पानी में मच्छर के पनपने की अधिक संभावना रहती है। इसी कारण शहर के सबसे पाश इलाके राजेंद्रनगर और इंदिरापुरम में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं।
डेंगू एक गंभीर मच्छर जनित बीमारी है जो साफ पानी में पनपने वाले एडीज मच्छर के काटने से फैलती है। डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है, खासतौर पर सुबह और शाम के वक्त।
यह मच्छर साफ पानी में अंडे देता है, इसलिए जरूरी है कि एसी,कूलर, गमलों, छतों पर जमे पानी और खुले ड्रम में भरे पानी को समय-समय पर साफ करें, नहीं तो डेंगू फैलने का खतरा बना रहता है।
शहर के पॉश इलाकों में मिल रहे मरीज
जिला सहायक मलेरिया अधिकारी नरेंद्र कुमार के अनुसार इंदिरापुरम ,क्रासिंग रिपब्लिक, वैशाली, वसुंधरा, कौशांबी, गोविंदपुरम और राजेंद्रनगर जैसे क्षेत्रों में डेंगू के मरीज अधिक मिल रहे हैं। मुरादनगर के कई गांव डेंगू प्रभावित है।
डेंगू के लक्षण और बचाव के उपाय
डेंगू के मुख्य लक्षणों में तेज सिरदर्द एवं बुखार का होना, मांसपेशियां तथा जोड़ो में दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना, जी मिचलाना एवं उल्टी होना, नाक मुंह और मसूडों से खून आना, त्वचा पर लाल चकत्ते उभरना है।
बचाव के उपायों में मच्छर के काटने से बचें। पूरी बाजू के कपड़े पहनें। सोते समय हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें। गमले में पानी जमा न होने दें।
पानी के बर्तन व टंकी को पूरी तरह ढक कर रखे। पुराने टायर डिस्पोजल कप कबाड़ में पानी जमा न होने दें। कूलर,एसी, फूलदान पशु-पक्षियों के पानी पीने के बर्तन को नियमति रुप से साफ करें।
वर्षवार डेंगू रोगियों का विवरण
वर्ष जांच डेंगू पॉजिटिव केस घरों में लार्वा मिला
2021 30134 1238 62345
2022 22170 901 57868
2023 29741 1261 112357
2024 16087 196 76483
2025 462 21 4026
डेंगू प्रभावित संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं। इन क्षेत्रों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव लगातार किया जा रहा है। लोगों को मच्छरों से बचाव को जागरूक किया जा रहा है। साफ सफाई को लेकर रैली निकाली जा रही है। मच्छरदानी लगाकर सोने की सलाह दी जा रही है। साफ पानी के एकत्र न होने को लेकर सर्वे कराया जा रहा है।
डॉ.जीके मिश्रा, जिला मलेरिया अधिकारी
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