महिला सफाई कर्मचारियों के कपड़े उतरवाने के मामले में SIT ने पीड़िताओं के बयान कराए दर्ज, जोड़ी गई SC-ST एक्ट की धारा
रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में महिला कर्मचारियों के साथ बदसलूकी के आरोपों की जांच एसआईटी कर रही है। मामले में दो कर्मचारी निलंबित और तीन पर केस दर्ज हुआ है, जिसमें एससी-एसटी एक्ट भी शामिल है। सफाई कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है।

महिला सफाई कर्मचारियों के कपड़े उतरवाने के मामले में SIT ने पीड़िताओं के बयान कराए दर्ज। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, रोहतक। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में महिलाओं के कपड़े उतरवाने और उनकी माहवारी की पुष्टि करने के लिए फोटो करने जैसे आरोपों के मामले में एसआइटी ने जांच शुरू कर दी है।
मामले में विवि प्रशासन की ओर से दो कर्मचारियों को निलंबित करने के साथ ही तीन कर्मियों पर केस भी दर्ज करवाया गया है। अब पुलिस की ओर से मामले में एससी-एसटी एक्ट की धारा भी जोड़ दी गई। डीएसपी मुख्यालय रवि खुंडिया के नेतृत्व में एसआइटी टीम काम कर रही है।
सोमवार को टीम ने मामले में पीड़ित कर्मचारियों के कोर्ट में भी बयान दर्ज करवाए। बता दें कि 26 अक्टूबर को घटना उस समय घटी जब राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्हें भी घटना की जानकारी दी गई, जिसके बाद उन्होंने तत्काल जांच और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
एमडीयू की महिला सफाई कर्मचारियों के साथ बदसलूकी मामले को लेकर प्रदेशभर में रोष व्याप्त है। सोमवार को सभी शहरों में पालिका, परिषद, निगमों के सफाई कर्मचारी व वाल्मीकि संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और दोषी अधिकारियों व अन्य सुपरवाइजर स्टाफ की गिरफ्तारी की मांग की।
नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि यह घटना अत्यंत शर्मनाक है और सरकार की निजीकरण नीति इसके लिए जिम्मेदार है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोषियों की जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई तो प्रदेशभर में आंदोलन तेज किया जाएगा। शास्त्री ने बताया कि 9 नवंबर को कुरुक्षेत्र के पिपली स्थित देवीलाल पार्क में महा पुकार रैली में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा।

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