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    हसनपुर: गाय के गोबर से बने दीयों से रोशन होगी दीपावली, 5 सालों से चल रही परंपरा

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 07:26 PM (IST)

    हसनपुर में दीपावली के अवसर पर गाय के गोबर से बने दीयों का उपयोग किया जा रहा है। यह परंपरा पिछले पाँच वर्षों से चली आ रही है। स्थानीय लोग पर्यावरण के अनुकूल इस पहल के माध्यम से दीपावली मनाते हैं, जिससे प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है। गोबर के दीयों का उपयोग पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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    संवाद सूत्र, हसनपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नगर संघ चालक पिछले पांच वर्ष से गाय के गोबर से तैयार दीया बेचकर अपनी दीपावली को रोशन कर रहे हैं। गाय के गोबर से बने दीयों का उपयोग होने से जहां गायों के प्रति धार्मिक आस्था बढ रही है। वहीं गाय के गोबर से बने दीये जलाने से धार्मिक आस्था के मुताबिक वातावरण भी शुद्ध होता है।


    नगर के मुहल्ला होली चौक निवासी दीपक अग्रवाल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े हैं। वर्तमान समय में उनके पास नगर संघचालक का दायित्व है। गो सेवा प्रकल्प द्वारा ब्रज गोशाला नवल गाय बैराज रोड बिजनौर में गाय के शुद्ध गोबर से दीपावली पर उपयोग के लिए सुंदर दीपक, गो समिधा तथा हर्बल गो फिनायल तैयार कराया जाता है।

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    गोशाला में 500 से ज्यादा गाएं 

    इस गोशाला में पांच सौ से अधिक शानदार देशी गोमाताएं हैं। वह पांच वर्ष से दीपावली के अवसर पर गाय के गोबर से बने दीपक, समिधा व गोमूत्र से तैयार फिनायल की बिक्री करते हैं। गत वर्ष उन्होंने दो हजार दीयों की बिक्री की थी। कलर होने के बाद फैंसी एक दीया उन्हें सवा रुपये का पड़ जाता है जिसकी बिक्री दो रुपये में आसानी से हो जाती है। इस बार गोबर से बने दीयों की अधिक डिमांड है।

    फिलहाल दो हजार दीये मंगाए जा चुके हैं। दीपक अग्रवाल बताते हैं कि हिंदू धर्म में गोमाता को माता का दर्जा दिया गया है। गाय के गोबर से तैयार दीपक घरों पर जलाने का विशेष महत्व है। दीपावली पर गाय के गोबर से बने दीयों के रोशन करने से जहां प्रदूषण नहीं होता। वहीं, गाय का गोबर जलने पर वातावरण शुद्ध हो जाता है।

    गाय के गोबर से दीये बनाने की लगाएंगे मशीन


    दीपक अग्रवाल का कहना है कि अब हसनपुर क्षेत्र में कई गोशालाएं हो गई हैं। वह जल्द ही गाय के गोबर से दीये, समिधा तथा गोमूत्र से फिनायल तैयार करने की मशीन लगाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गाय के गोबर से दीये, समिधा व मूत्र से फिनायल बनाने से गायों के संरक्षण को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। क्योकि, गायों के गोबर से यह उत्पाद तैयार कर बेचने से आमदनी का नया स्रोत बनता जा रहा है।