UP News: गोशालाओं में तेज धूप से बेहाल गोवंश, लू से बचाव के इंतजाम नहीं; बीमार हो रहे हैं पशु
सिद्धार्थनगर में तेज धूप और लू से गोशालाओं में गोवंश बेहाल हैं। टिनशेड में भी उन्हें राहत नहीं मिल रही। सरकार के दावे के बावजूद गोआश्रय स्थलों पर बचाव के उचित इंतजाम नहीं हैं जिससे कमजोर पशु बीमार हो रहे हैं। जागरण टीम ने गोशालाओं का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और पाया कि पशु धूप में खड़े रहने को मजबूर हैं।

जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। तेज धूप व लू से गोशालाओं में रह रहे वेसहारा गोवंशीय बेहाल हो गए हैं। उन्हें छांव में भी राहत नहीं मिल पा रही है। टिनशेड व सीमेंट शेड में रखे गए गोवंशीय दोपहर में हांफ जा रहे हैं।
सरकार ने शहर व ग्रामीण इलाकों में घूम रहे बेसहारा गोवंशीय पशुओं को गोआश्रय स्थल पहुंचा कर उनके चारे-पानी के साथ अन्य व्यवस्था करने का दावा कर रही है, लेकिन इस समय सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है। लू व तेज धूप से बचाव के लिए अधिकांश गोआश्रय स्थलों पर कोई व्यवस्था नहीं है। हालत यह है कि कमजोर गोवंशीय वीमार हो जा रहे हैं...
प्रचंड गर्मी में इंसान से लेकर पशु-पक्षी तक बेहाल हैं। तपिश बढ़ती ही जा रही है। पारा प्रतिदिन 42 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच रहा है। लोग गर्मी बचने के लिए तरह-तरह से जतन कर रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी गोशालाओं में रह रहे बेसहारा गोवंशीय को हो रही है। खुले आसमान व तप रहे शेड में रह रहे यह गोवंशीय बिलबिला जा रहे हैं।
हालत यह है कि तपती धूप में भूख प्यास से यह बीमार हो रहे हैं। कमजोर गोवंशीय की मौत भी हो जा रही है। अधिकारी जहां इनके हालात पर ध्यान नहीं दे रहे हैं वहीं सामाजिक सरोकार का दंभ भरने वाले विभिन्न सगठनों से जुड़े समाजसेवी भी मदद को आगे नहीं आ रहे हैं। जागरण टीम वव्यवस्थाओं का हाल जानने के लिए मंगलवार को गोशालाओं में पहुचे। जहा असहाय गोवंशीय बलवान के डर से धूप में खड़े मिले, वही तप रहे शेडो में खड़े गोवंश हाफ रहे थे।
महदेवा लाल में स्थित गोशाला में 72 गौवंशीय वर्तमान में मिले। यहां चारा की पर्याप्त व्यवस्था है, लेकिन गोवंशियों को तेज धूप व लू से बचाव की समुचित व्यवस्था नहीं है। यहां छाया के लिए जो टिनशेड बना था उसमें से बोरा लगाकर ठंढ रखने की व्यवस्था किया गया था।
बोरा उड़कर बेकार हो गया है। गोशाला में समरसेबल की व्यवस्था है, पानी की टंकी है, लेकिन वह पर्याप्त इसलिए नहीं है कि जब बिजली कम रहेगी तो टंकी को भरा कैसे जाएगा। गोपालक ने बताया कि बोरा उड़ने की सूचना खंड विकास अधिकारी को दी गई है। कहा कि विद्युत आपूर्ति व्यवस्थित कर दी जाए तो समस्या का समाधान हो जाएगा।
बर्डपुर नंबर सात के गोशाला में इन दिनों 80 से अधिक गोवंशीय हैं। इनकी देख-रेख के लिए गांव के व्यासदेव, इंद्रावती, राजमन व मोल्हू को रखा गया है। बताया गया गोशाला से कुल 80 पशुओं की रिपोटिंग की जाती है, जबकि संख्या कम है। गोशाला में कई गोवंशीय बीमार होकर चिलचिलाती धूप में बाहर ही पड़े दिखे। गमीं से बेहाल गोवंशियों को लेकर जिम्मेदार अनजान बने हैं। ग्राम पंचायत दूल्हा दरमियानी में बना गोआश्रय केंद्र में 17 गोवंश मौजूद हैं। जो धूप में खड़े मिले।
केस-तीन- नगर पंचायत कपिलवस्तु के मदारीपुर गो-आश्रयस्थल बनाया गया है। यहां कुल करीब 126 गोवंशीय मिले। सभी के लिए भूसा की व्यवस्था को गोदाम में पर्याप्त भूसा रखा गया है। गर्मी में पानी की व्यवस्था को गो-आश्रम स्थल परिसर में सबमर्सिबल पंप व टंकी बनाई गई है।
गर्मी से निजात के लिए टिन शेड का सहारा बहुत ही कम है। तीखी धूप में इसके अंदर बैठने वाले गोवंश गर्मी से बिलबिला जा रहे हैं। पशु बाहर खुले धूप में हड़ते मिले, नाद में भूषा भी नही डाला गया था। देखरेख करने वाले राम बचन, बीरबल, रामनरेश व गौतम ने बताया कि चारा पानी पर्याप्त हैं। पशु अधिक होने के कारण टीन शेड में पर्याप्त जगह नही है। जिस कारण तमाम पशु बाहर है।
जिमेदार अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। कि गोआश्रय स्थलों पर बोरा व तीरपाल से छत ढंकने व छाया की व्यवस्था करने को कहा गया है। बीमार व कमजोर गोवंशीय को अलग रखने का भी निर्देश है। कई गोआश्रय स्थलों में पेड़ की व्यवस्था है वहीं अधिकांश में पौधारोपण कराया गया है। एक-दो साल में पर्याप्त छाया मिलने लगेगी। कुछ गोशालाओं में क्षमता से अधिक पशु होने के कारण समस्या आ रही है, जल्द ही समाधान हो जाएगा। जिलाधिकारी खुद गोशालाओं में व्यवस्था देख रहे हैं। - बलराम सिंह, सीडीओ

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