Masik Shivratri 2025: किस दिन मनाई जाएगी मासिक शिवरात्रि? यहां नोट करें शुभ मुहूर्त और योग
कार्तिक माह की मासिक शिवरात्रि 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जिसमें निशा काल में पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन इंद्र, सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि जैसे कई शुभ योग बनेंगे, जो मनोकामना पूर्ति में सहायक होंगे। मासिक शिवरात्रि का व्रत हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है।

HighLights
- <p>रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है।</p>
- <p>इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा और भक्ति की जाती है।</p>
- <p><span style="color: rgb(45, 45, 74);">सूर्य देव की पूजा से करियर संबंधी परेशानी दूर होती है।</span></p>
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है।
धार्मिक मत है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से विवाहित जातकों के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शादी शीघ्र हो जाती है। इसके लिए साधक श्रद्धा भाव से चतुर्दशी तिथि पर साधक श्रद्धा भाव से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं। आइए, कार्तिक माह की मासिक शिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-
कार्तिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri 2025 Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 21 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 16 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी।
मासिक शिवरात्रि पर निशा काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा होती है। इसके लिए 19 अक्टूबर को कार्तिक महीने की मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन निशा काल में पूजा का समय देर रात 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक है।
कार्तिक शिवरात्रि शुभ योग (Masik Shivratri 2025 Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिकमाह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर इंद्र, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योगसमेत कई मंगलकारी योग बनेंगे। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का योग बनेगा। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की मनचाही मुराद पूरी होगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 47 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 43 मिनट से 05 बजकर 34 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजे से लेकर 02 बजकर 45 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 47 मिनट से 06 बजकर 13 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
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