अब YouTube पर ही होगा दोस्तों से चैट, कर सकेंगे वीडियो शेयर! फीचर की टेस्टिंग शुरू
YouTube छह साल बाद अपने ऐप में दोबारा प्राइवेट मैसेजिंग फीचर वापस लाने की टेस्टिंग कर रहा है। फिलहाल ये फीचर आयरलैंड और पोलैंड में 18 साल से ऊपर के यूजर्स के लिए टेस्ट किया जा रहा है। इस टेस्ट में लोग सीधे YouTube ऐप से वीडियो शेयर कर सकते हैं और रियल-टाइम चैट कर सकते हैं। इससे यूजर्स को WhatsApp या Instagram जैसे ऐप्स पर स्विच किए बिना शेयरिंग आसान हो जाएगी।

YouTube छह साल बाद फिर से प्राइवेट इन-ऐप मैसेजिंग फीचर टेस्ट कर रहा है।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। YouTube प्राइवेट इन-ऐप मैसेजिंग की वापसी की टेस्टिंग कर रहा है। बता दें कि छह साल पहले इस फीचर को हटा दिया गया था। कंपनी ने आयरलैंड और पोलैंड में 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के यूजर्स के लिए एक नया वीडियो-शेयरिंग और चैट टूल रोल आउट करना शुरू कर दिया है। टेस्ट में शामिल लोग लंबे वीडियो, शॉर्ट्स और लाइवस्ट्रीम सीधे YouTube मोबाइल ऐप में शेयर कर सकते हैं और रियल टाइम में उन पर चर्चा कर सकते हैं। इससे शेयरिंग आसान हो जाती है क्योंकि यूजर्स को अब WhatsApp या Instagram जैसे दूसरे ऐप पर स्विच करने की जरूरत नहीं होती।
YouTube ने छह साल बाद प्राइवेट चैट और वीडियो शेयरिंग फ़ीचर टेस्ट किया
कंपनी के सपोर्ट पेज पर बताया गया है कि ये फीचर YouTube ऐप में कैसे काम करता है। यूजर्स शेयर बटन पर टैप करके एक फुल-स्क्रीन चैट विंडो ओपन कर सकते हैं। वहां से वे वीडियो भेज सकते हैं, वन-ऑन-वन या ग्रुप चैट्स शुरू कर सकते हैं और टेक्स्ट, इमोजी या और वीडियो से रिप्लाई कर सकते हैं। YouTube का कहना है कि ये टेस्ट उसके सबसे कॉमन फीचर रिक्वेस्ट्स में से एक के जवाब में है।

रोलआउट फिलहाल लिमिटेड है और इसके साथ कड़े सेफ्टी मेजर्स भी जुड़े हैं। कंपनी का कहना है कि सभी मैसेजेस YouTube कम्युनिटी गाइडलाइंस का पालन करेंगे। प्लेटफॉर्म उन मैसेजेस को स्कैन या रिव्यू कर सकता है जो नियम तोड़ते हों या हानि पहुंचा सकते हों। बातचीत शुरू होने से पहले यूजर्स को चैट इनवाइट एक्सेप्ट करना होगा। वे चैनलों को ब्लॉक कर सकते हैं, चैट्स को रिपोर्ट कर सकते हैं या मैसेजेस को अनसेंड कर सकते हैं। मैसेज अलर्ट्स यूजर के बाकी YouTube नोटिफिकेशन्स के साथ दिखेंगे।
YouTube ने अपना पुराना मैसेजिंग सिस्टम 2019 में बंद कर दिया था। कंपनी ने पूरा कारण कभी नहीं बताया, लेकिन कई लोगों का मानना था कि चाइल्ड सेफ्टी कंसर्न इसका मुख्य कारण थे। नया टेस्ट सिर्फ एडल्ट्स तक सीमित है ताकि जोखिम कम हो और YouTube ये समझ सके कि फीचर का इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है।
लिमिटेड टेस्ट के नतीजों के आधार पर, YouTube इस फीचर को और देशों में लाने का फैसला कर सकता है। कुछ खास इलाकों में टेस्टिंग करने से कंपनी को मजबूत डिजिटल सेफ्टी नियमों के साथ एक कंट्रोल्ड माहौल मिलता है।
Spotify ने भी इस साल की शुरुआत में इसी तरह का प्राइवेट-मैसेजिंग फीचर लॉन्च किया था। दोनों कंपनियां ऐसा लगता है कि यूजर्स को अपने ऐप के भीतर ही कंटेंट शेयर करने और उस पर बातचीत करने के ऑप्शन देकर उन्हें ऐप के अंदर बनाए रखने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

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