Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    अपनी आवाज या चेहरे के इस्तेमाल वाले Youtube वीडियो को कर पाएंगे रिपोर्ट, फेक कॉन्टेंट पर लगेगी लगाम

    Updated: Fri, 21 Jun 2024 07:30 PM (IST)

    यूजर्स के द्वारा की गई यह शिकायत पूरी तरह से गोपनीय रहती है। रिपोर्ट करने के लिए एक फॉर्म फिल करना होता है। एक बार कॉन्टेंट को रिपोर्ट कर दिया जाता है तो उसको यूट्यूब की टीम के द्वारा रिव्यू किया जाता है। जिसके बाद अगर रिपोर्ट वैध पाई जाती है तो प्लेटफॉर्म से कॉन्टेंट को रिमूव कर दिया जाता है।

    Hero Image
    यूट्यूब ने एआई जेनरेटेड कॉन्टेंट पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है।

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। Youtube यूजर्स की सिक्योरिटी को बढ़ाने के मकसद से अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में कुछ नई चीजों को शामिल कर रहा है। वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने गुरुवार को कहा कि अब यूजर्स को एआई जेनरेटेड कॉन्टेंट को रिपोर्ट करने की सुविधा मिलेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अगर किसी यूजर को लगता है कि दिखाई जा रही सामग्री में उसकी आवाज या फेस मिल रहा है तो वह उसे रिपोर्ट कर सकेगा। यूट्यूब की नई सुविधा क्या है और यह कैसे काम करेगी। यहां इसी के बारे में बताने वाले हैं।

    यूजर्स के लिए खास फीचर

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की हर क्षेत्र बढ़ती दखल-अंदाजी को देखते हुए इस फीचर की पेशकश की जा रही है। यूट्यूब का मानना है कि इसकी वजह से यूजर्स की प्राइवेसी को एक अतिरिक्त सिक्योरिटी लेयर मिलेगी। यूजर्स अब उस कॉन्टेंट को रिपोर्ट करने में सक्षम होंगे जो उन्हें लगता है कि उनकी आवाज या फेस को इस्तेमाल करके जेनरेट किया गया है।

    रिव्यू के बाद रिमूव होगा कंटेंट

    यूजर्स के द्वारा की गई यह शिकायत पूरी तरह से गोपनीय रहती है। रिपोर्ट करने के लिए एक फॉर्म फिल करना होता है। एक बार कॉन्टेंट को रिपोर्ट कर दिया जाता है तो उसको यूट्यूब की टीम के द्वारा रिव्यू किया जाता है। जिसके बाद अगर रिपोर्ट वैध पाई जाती है तो प्लेटफॉर्म से कॉन्टेंट को रिमूव कर दिया जाता है। रिपोर्ट को कई मापदंडों के आधार पर मैन्युअल रूप से रिव्यू किया जाता है।

    एआई जेनरेटेड कॉन्टेंट पर लगेगी लगाम

    एक कम्युनिटी पोस्ट में YouTube ने खुलासा किया कि वह AI जनरेटेड कॉन्टेंट के लिए प्राइवेसी रिक्विस्ट प्रोसेस का विस्तार कर रहा है। इसमें फेस और वॉइस दोनों की आवाज को पहचाना जाता है। कंपनी ने नवंबर 2023 में डीपफेक से बचाने के लिए एक इनोवेशन की शुरुआत की थी।

    हाल के दिनों में डीपफेक की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है। YouTube अब यूजर्स को अपने मौजूदा गोपनीयता शिकायत प्रक्रिया की मदद लेने की अनुमति दे रहा है ताकि वे किसी भी AI-जनरेटेड कॉन्टेंट की रिपोर्ट कर सकें जो उनके चेहरे या आवाज की कॉपी करता है।

    यूजर्स किसी भी चैनल को रिपोर्ट कर पाएंगे, जिन पर उन्हें लगता है कि उनकी वॉइस या फेस इस्तेमाल किया गया है। YouTube की गोपनीयता शिकायत प्रक्रिया फॉर्म को यहाँ एक्सेस किया जा सकता है।

    ये भी पढ़ें- VPN इस्तेमाल कर यूट्यूब प्रीमियम सब्सक्रिप्शन लेना पड़ेगा महंगा! कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती