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    Spam Callers की हुई छुट्टी! अनजान नंबर से आई कॉल तो आपके फोन पर ही नजर आ जाएगा कॉल करने वाले का नाम

    स्पैम कॉल को रोकने के लिए सरकार एक मास्टर प्लान पर काम कर रही है। पिछले कुछ दिनों से कॉलिंग नेम प्रजेंटेशन Calling Name Presentation (CNAP) को लेकर चर्चा चल रही है। इसी कड़ी में कॉलिंग नेम प्रजेंटेशन Calling Name Presentation (CNAP) को लेकर टेस्टिंग शुरू हो चुकी है। शुरुआती फेज में टेलीकॉम कंपनियों ने मुंबई और हरियाणा सर्किल में प्रोग्राम का ट्रायल शुरू किया है।

    By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Updated: Sun, 16 Jun 2024 12:05 PM (IST)
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    अनजान नंबर के साथ कॉलर का नाम भी आएगा फोन-स्क्रीन पर नजर

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। स्मार्टफोन और इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के साथ साइबर अपराध का भी डर बढ़ गया है। फोन पर एक अनजान नंबर से आया कॉल बातों ही बातों में स्मार्टफोन यूजर का बैंक अकाउंट खाली कर सकता है।

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    स्पैम कॉलर की वजह से हर स्मार्टफोन यूजर फोन पर अनजान नंबर से आए कॉल को रिसीव करने को लेकर झिझकता है।

    कुछ यूजर अनजान नंबर से आई कॉल को रिसीव ही नहीं करते। ऐसे में परेशानी तब आती है जब स्मार्टफोन यूजर अपने डर की वजह से काम का जरूरी कॉल मिस कर जाता है।

    CNAP का टेस्टिंग हुई शुरू

    स्पैम कॉलर्स पर नकेल कसने के लिए सरकार एक मास्टर प्लान पर काम कर रही है। कॉलिंग नेम प्रजेंटेशन Calling Name Presentation (CNAP) को लेकर पिछले कुछ दिनों से खबरें हैं।

    इसी कड़ी में लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों ने कॉलिंग नेम प्रजेंटेशन Calling Name Presentation (CNAP) प्रोग्राम  की टेस्टिंग शुरू कर दी है।

    फिलहाल टेलीकॉम कंपनियों ने मुंबई और हरियाणा सर्किल में प्रोग्राम का ट्रायल शुरू किया है। बहुत जल्द देश के दूसरे शहरों में भी इस प्रोग्राम की टेस्टिंग शुरू होगी।

    कॉलर का नाम भी आएगा नजर

    कॉलिंग नेम प्रजेंटेशन Calling Name Presentation (CNAP) के तहत जब भी किसी स्मार्टफोन यूजर को एक अनजान नंबर से कॉल आएगा, वह अपने फोन की स्क्रीन पर कॉलर का नाम भी देख सकेगा।

    मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस प्रोग्राम का रिजल्ट आने तक इसे सीमित एरिया में ट्राई किया जा रहा है। इसके रिजल्ट को कंपनियां टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के साथ शेयर करेंगी।

    इसके बाद ही इस प्रोग्राम को लेकर आगे का फैसला लिया जाएगा। माना जा रहा है सरकार का मास्टर प्लान ट्रूकॉलर ऐप की तरह काम करेगा। जिस तरह इस ऐप के साथ कॉलर की पहचान की जा सकती है, कॉलिंग नेम प्रजेंटेशन के साथ भी की जा सकेगी।

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