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5G से कितना तेज होगा इंटरनेट, कितना फायदा-कितना नुकसान; भारत समेत दुनियाभर में क्यों हो रहा विरोध

5G Network का भारत समेत दुनियाभर में आज विरोध हो रहा है। ऐसे में जानना जरूरी है कि क्या नेक्स्ट जनरेशन का ये नेटवर्क हमारी जिंदगी को आसान बनाएगा? इसका स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा? कितने देशों में इस्तेमाल हो रही ये तकनीक?

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 02:13 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 02:28 PM (IST)
5G से कितना तेज होगा इंटरनेट, कितना फायदा-कितना नुकसान; भारत समेत दुनियाभर में क्यों हो रहा विरोध
5G नेटवर्क के खिलाफ आज भारत समेत दुनिया भर में विरोध हो रहा है। प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। इंटरनेट हमारी जीवनशैली का अहम हिस्सा है। घर, ऑफिस, शॉपिंग या टाइम पास, कभी भी-कहीं भी थोड़ी देर इंटरनेट ठप या धीमा हो जाए, तो लगता है मानों जिदंगी थम गई। लिहाजा भारत समेत दुनिया भर में लोगों को नेक्स्ट जनरेशन इंटरनेट (5G) नेटवर्क से काफी उम्मीदे हैं। वहीं भारत समेत विश्वभर में आज 5G नेटवर्क का विरोध हो रहा है। विरोध करने वाले इसे धरती के लिए बड़ा खतरा बता रहे हैं। ऐसे में हमारे लिए भी ये जानना जरूरी है कि 5जी नेटवर्क क्या है? क्या इससे इंटरनेट तेज होगा? इसके क्या फायदे और क्या नुकसान हैं?

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देश के सरकारी पैनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 5जी के साथ डाटा नेटवर्क स्पीड 2 से 20 जीबी प्रति सेकेंड तक होने की उम्मीद है। अभी दुनिया के 34 देशों के 378 शहरों में ही 5जी इंटरनेट उपलब्ध है। अभी इस पर पर्याप्त अध्ययन करने की जरूरत है, जिससे कई और जानकारियां सामने आ सकती हैं। यही वजह है कि अभी इस तकनीक को लेकर विशेषज्ञों में अलग-अलग मत है। कुछ इसे डिजिटल वर्ल्ड के लिए आवश्यक बताते हैं तों वहीं ऐसे विशेषज्ञों की भी कमी नहीं है जो कि इसे धरती के लिए बड़ा खतरा मानते हैं। भारत के लिए इस तकनीक को पूरी तरह से लागू कर पाना एक बड़ी चुनौती है।

भारत में 5G इंटरनेट

1. भारत में वर्ष 2021 के अंत तक 5जी इंटरनेट लॉच हो सकता है।

2. मोबाइल कंपनियों ने देश में 5G स्मार्टफोन की बिक्री शुरू कर दी है।

3. वर्ष 2018 में गुड़गांव में चीनी कंपनी हुवेई ने 5जी इंटरनेट की टेस्टिंग की थी।

4. 5G के लिए ज्यादा बैंडविथ की जरूरत होगी, मतलब ज्यादा मोबाइल टॉवर लगाने पड़ेंगे।

5. अभी पर्याप्त मोबाइल टॉवर न होने से 4G इंटरनेट ही सही काम नहीं करता है।

6. सरकारी पैनल की रिपोर्ट में डाटा नेटवर्क स्पीड 2 से 20 जीबी प्रति सेकेंड होने की उम्मीद।

7. 5जी से 2035 तक भारत में एक लाख करोड़ डॉलर का आर्थिक प्रभाव पैदा हो सकता है।

8. भारत में 2026 तक 5जी से 27 अरब डॉलर से अधिक के राजस्व की संभावना है - एरिक्सन।

9. वैश्विक दूरसंचार उद्योग (जीएसएमए) का अनुमान है कि देश में 2025 तक 7 करोड़ 5जी कनेक्शन होंगे।

दुनिया में 5G नेटवर्क

1. 34 देशों के 378 शहरों में मौजूद है नेक्स्ट जेनरेशन इंटरनेट

2. दुनिया भर में तेजी से पांव पसार रहा 5G नेटवर्क

3. वर्ष 2025 तक 60 फीसद मोबाइल यूजर्स इससे जुड़ सकते हैं

5G नेटवर्क के फायदे

1. इंटरनेट की रफ्तार 20 से 100 गुना तेज (1000mbps तक) हो जाएगी।

2. बड़े से बड़े डेटा को आसानी से अपलोड, डाउनलोड या ट्रांसफर किया जा सकेगा।

3. अभी जो फिल्म 5-10 मिनट में डाउनलोड होती है, वो चंद सेकेंड में डाउनलोड होगी।

4. हाई क्वॉलिटी वीडियो या गेम का मजा बिना किसी रुकावट के लिया जा सकेगा।

5. घर के सभी स्मार्ट डिवाइसेज को फोन से कनेक्ट कर बाहर से कंट्रोल कर सकेंगे।

6. एक साथ कई यूजर्स जुड़ने पर भी इंटरनेट की रफ्तार कम नहीं होगी।

7. अभी जो काम कंप्यूटर या लैपटॉप से ही हो सकते हैं, उन्हें मोबाइल से भी किया जा सकेगा।

8. तेज रफ्तार इंटरनेट से रोबोट, ड्रोन और ऑटोमैटिक वाहनों का संचालन आसान होगा।

5G नेटवर्क के संभावित नुकसान

1. इससे इंटरनेट यूजर्स की निजता को सबसे बड़ा खतरा है।

2. टेक्निकल युनिवर्सिटी ऑफ बर्लिन के अनुसार हैकर्स यूजर्स का डाटा ज्यादा तेजी और आसानी से हैक कर सकते हैं।

3. नीदरलैंड के हेग शहर में कुछ माह पहले 5G टेस्टिंग के दौरान अचानक 297 पक्षियों की मौत हो गई थी।

4. इसके लिए ज्यादा बैंडविथ की आवश्यकता होती है, जिसके लिए टॉवरों की संख्या कई गुना बढ़ानी होगी।

5. पर्याप्त मोबाइल टॉवर न होने पर इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या मौजूदा समय से बढ़ जाएगी।

6. मोबाइल टॉवर्स को रेडियेशन के लिए खतरनाक माना जाता है, लिहाजा तमाम देशों में लोग इसका विरोध करते हैं।

7. 5G नेटवर्क के लिए 6GHz रेडियो फ्रीक्वेंसी की जरूरत होगी, जो पहले ही सैटेलाइट्स व अन्य सिग्नल से भरी हुई है।

8. रेडियो फ्रीक्वेंसी भी तेज रफ्तार इंटरनेट उपलब्ध कराने की राह में रोड़ा डाल सकती है।

9. WHO के अनुसार रिडेयो फ्रिक्वेंसी बढ़ने से शरीर का तापमान बढ़ता है, हालांकि स्वास्थ्य को ज्यादा नुकसान नहीं है।

बढ़ाई जाएगी बैंडविथ

बैंडविथ, वो वर्चुअल स्पेस है जो यूजर्स को इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए मुहैया कराई जाती है। बैंडविथ जितनी ज्यादा होगी, इंटरनेट उतना तेज चलेगा। मौजूदा 2G, 3G व 4G के मुकाबले 5G में ज्यादा बैंडविथ उपलब्ध होगी। हालांकि, ज्यादा बैंडविथ के लिए कई गुना ज्यादा मोबाइल टॉवरों की जरूरत होगी। 5G नेटवर्क में एक साथ कई यूजर्स के कनेक्ट करने पर भी इंटरनेट की रफ्तार कम नहीं होगी। अभी जो काम हम कंप्यूटर और लैपटॉप पर ही कर पाते हैं, 5G नेटवर्क में हम उन्हें अन्य डिवाइस पर भी आसानी से कर सकेंगे।

दुनियाभर में विरोध

यही वजह है कि अप्रैल 2020 में नीदरलैंड में 5G नेटवर्क का विरोध कर रहे लोगों ने कई टेलीफोन टॉवर तोड़कर उन्हें आग के हवाले कर दिया था। इनकी चिंता 5G नेटवर्क के संभावित खतरों और निजता की सुरक्षा को लेकर है। जनवरी में एम्सटरडैम के डैम स्क्वॉयर पर लगभग 100 लोगों ने एकत्र होकर 5जी नेटवर्क का विरोध किया था।

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