Youtube पर 'पाखंडी बाबा' वाले वीडियो ने बढ़ाई सुंदर पिचाई की मुश्किलें, कोर्ट ने भेजा नोटिस
मुंबई की एक अदालत ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को नोटिस भेजा है। यह नोटिस ध्यान फाउंडेशन के संस्थापक योगी अश्विनी को लेकर एक आपत्तिजनक वीडियो को लेकर भेजा गया है। दरअसल काफी समय पहले कोर्ट ने इस वीडियो को हटाने को लेकर आदेश जारी किया था। इस आदेश का पालन न करने के चलते गूगल के सीईओ को नोटिस भेजा गया है।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को मुंबई की एक अदालत ने अवमानना नोटिस जारी किया है। दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शुमार गूगल के सीईओ को यह नोटिस यूट्यूब के एक वीडियो को लेकर जारी किया गया है। दरअसल, वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर अदालत के आदेश का पालन न करने का आरोप लगा है, जिसके चलते सुंदर पिचाई को नोटिस जारी किया गया है।
सुंदर पिचाई को अदालत ने क्यों भेजा नोटिस?
मुंबई कोर्ट के एडिशनल चीफ जस्टिस ने सुंदर पिचाई को नोटिस भेजते हुए पूछा है कि कोर्ट की अवमानना और उसके पहले के आदेश का पालन न करने के चलते उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए।
एनजीओ ध्यान फाउंडेशन ने गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब के खिलाफ केस फाइल किया है। दरअसल, इसके संस्थापक योगी अश्विनी को लेकर यूट्यूब पर एक कथित रूप से अपमानजनक वीडियो पब्लिश किया गया था। कोर्ट ने इस वीडियो को हटाने को लेकर यूट्यूब को आदेश जारी किया गया था। यूट्यूब ने कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से पालन नहीं किया, जिसके चलते अदालत ने सुंदर पिचाई को नोटिस जारी किया है। इस केश की अगली सुनवाई 3 जनवरी 2025 को होनी है।
क्या है मामला
यूट्यूब पर योगी अश्विनी को लेकर 'पाखंडी बाबा की करतूत' नाम से एक वीडियो शेयर किया गया था। इस वीडियो को हटाने के लिए एनजीओ ने कोर्ट का रुख किया था। कोर्ट ने यूट्यूब को इस आपत्तिजनक वीडियो को प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश जारी किया था।
एनजीओ का कहना है कि इस वीडियो को भारत में तो नहीं देखा जा सकता है। लेकिन, देश के बाहर अब भी यह अपमानजनक वीडियो को आसानी से देखा जा सकता है। इसके साथ ही ध्यान फाउंडेशन ने इस केस में गूगल पर आरोप लगाए हैं कि उसने जानबूझकर आपत्तिजनक वीडियो को यूट्यूब से नहीं हटाया है।
उनका कहना है कि इसके चलते उनके एनजीओ और संस्थापक योगी अश्विनी की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। उन्होंने गूगल पर आरोप लगाए हैं कि कंपनी कुछ न कुछ बहाने बनाकर कोर्ट के आदेश को टाल रही है। योगी योगी अश्विनी का यह एनजीओ पशु कल्याण पर केंद्रित है। उसका कहना है कि गूगल ने जानबूझकर ध्यान फाउंडेशन और योगी जी के चरित्र और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है।
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