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    WhatsApp पर ये नया स्कैम सेकंडों में बना देगा कंगाल, खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट

    By Shivani KotnalaEdited By: Shivani Kotnala
    Updated: Sun, 19 Feb 2023 11:37 AM (IST)

    सोशल मीडिया का इस्तेमाल वर्चुअल वर्ल्ड में एक बड़े ग्रुप से जुड़ने के लिए होता है। कई बार इस तरह का वर्चुअल कनेक्शन आपके लिए फायदे का सौदा बनता है क्योंकि कई जॉब के ऑफर ऑनलाइन ही मिलते हैं। हालांकि हर बार यह तरीका काम नहीं करता। (फोटो- जागरण)

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    WhatsApp New Scam Can Empty Your Bank Account, Pic Courtesy- Jagran File

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। वर्चुअल वर्ल्ड में चेहरा और पहचान छुपी होती है, ऐसे में साइबर अपराध करने वाले अपराधी भी ताक लगाए बैठे रहते हैं। आपकी जरा-सी लापरवाही और एक बड़ा नुकसान हो सकता है। इन दिनों चैटिंग के पॉपुलर ऐप वॉट्सऐप पर स्कैमर्स एक नए तरीके को अपना कर स्कैम कर रहे हैं।

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    अगर आप भी वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए जाननी और भी जरूरी हो जाती है। दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साइबर अपराधी इन दिनों नौकरी का झांसा देकर ठगी कर रहे हैं। आइए जानते हैं, किस तरह से मेटा के पॉपुलर प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप पर साइबर अपराधी अपना जाल बिछा रहे हैं।

    साइबर अपराधी यूजर को पहले दे रहे हैं नौकरी का झांसा

    इन दिनों कई कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी चल रही हैं। ऐसे में साइबर अपराधी अपने शिकार को नौकरी का झांसा देकर ही फंसा रहे हैं। पहले वॉट्सऐप पर नौकरी का झांसा दिया जाता है, जिसके बाद नौकरी के रूप में यूट्यूब पर वीडियो लाइक करने का काम ऑफर किया जाता है।

    स्कैमर्स एक लाइक पर यूजर को 50 रुपये ऑफर करते हैं। इस तरह दिनभर में 5000 रुपये तक की कमाई का ऑफर दिया जाता है।

    फेक यूट्यूब अकाउंट पर जनरेट होते हैं फेक लाइक्स

    स्कैमर द्वारा दिए गए वीडियो लिंक पर यूजर को लाइक के बाद स्क्रीनशॉट भेजने को बोला जाता है। हालांकि, स्कैमर हकीकत में किसी फेक अकाउंट पर फेक लाइक जनरेट करवा रहा होता है। वहीं दूसरी ओर यूजर इस बात से पूरी तरह अनजान होता है।

    पेमेंट में टेक्निकल एरर का बहाना लगाना

    जैसे ही यूजर स्क्रीनशॉट शेयर करता है और पेमेंट का इंतजार करता है, स्कैमर्स पेमेंट ना करते हुए इसे टेक्निकल एरर बताते हैं। इसके बाद यूजर को एक ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी जाती है, ताकि वे यूजर को पेमेंट कर सकें।

    जैसे ही यूजर ऐप को डाउनलोड करता है तुरंत उसे 1 रुपये सेंड करने के लिए कहा जाता है। असल में यह ऐप ही एक मालवेयर की तरह काम करने लगता है। यूजर के 1 रुपये भेजते ही सारे ओटीपी और फाइनेंशियल जानकारियां स्कैमर्स के पास चली जाती हैं।

    यहां पर साइबर अपराधी का काम पूरा होता है और यूजर एक लापरवाही से अपना बैंक अकाउंट खुद स्कैमर के हाथ में दे देता है।

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