कैसा होगा फोल्डेबल फोन का भविष्य? क्या खरीदारों के लिए होगा सही विकल्प, इन जरूरी पहलुओं पर करें विचार
बीते कुछ महीनों में कई स्मार्टफोन ब्रांड ने अपना पहला फोल्डेबल स्मार्टफोन लॉन्च किया। मगर बड़ा सवाल ये है कि क्या भारतीय इस नए और आधुनिक बदलाव को इतनी जल्दी अपना पाएंगे। आइये जानते हैं कौन से ऐसे पहलू है जो फोल्डेबल फोन का भविष्य तय करेंगे।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। फोल्डेबल फोन की शुरुआत ने तकनीकी जगत में एक नई क्रांति की लहर पैदा की है। इसमें यूजर्स को टैबलेट और फोन दोनों के गुण मिलते हैं। जहां एक तरफ आपको टैबलेट की कंपेटिबिलिटी मिलती है, वहीं इसे स्मार्टफोन की तरह आसानी से संभाला और इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में हमें स्मार्टफोन का एक बेहतर भविष्य मिल सकता है।
भले ही आजकल फोल्डेबल फोन को लेकर टेक इंडस्ट्री और टेक उत्साही नए-नए प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन अभी भी इसे लोगों के बीच अपनी जगह बनाने में वक्त लगेगा। लोगों को इसे अपनाने में लगने वाला समय कई बातों पर निर्भर करता है। आज हम आपको इन्हीं में से कुछ जरूरी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो फोल्डेबल फोन के भविष्य का निर्धारण करेंगी।
कीमत का पड़ेगा गहरा प्रभाव
भारत में फोल्डेबल फोन का भविष्य निर्धारित करने वाला सबसे जरूरी फैक्टर उनकी कीमत है, क्योंकि हाल ही में लॉन्च हुए या पहली बार लॉन्च किए गए फोल्डेबल डिवाइस की कीमत किसी ब्रांड्स के प्लैगशिप डिवाइस की कीमत से बहुत अधिक है। सबसे बड़ी बात ये है कि इतनी अधिक कीमत के बाद भी इस फोन्स के फीचर फ्लैगशिप डिवाइस से बेहतर नहीं हैं। ये एक ऐसा पहलु है , जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है।
कितनी लंबी है लाइफ लाइन (ड्यूरेबिलिटी)
अगर लुक और अपीयरेंस की बात करें तो फोल्डेबल फोन काफी फैंसी लगते हैं, लेकिन इसमें एक कमजोर बिल्ड होता है। इसका कारण फोन के फोल्डिंग प्लैप्स है। इतना ही नहीं इन डिवाइस की स्क्रीन भी अन्य स्मार्टफोन की तुलना में कमजोर होती है।
सभी फोल्डेबल फोन एक नंबर के साथ आता हैं. और ये इन फोन के बिल्ड की सबसे जरूरी बात , जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसे एक उदाहरण के साथ समझा जा सकता हैं, जैसे कि OPPO Find N2 Flip को लगभग 400,000 फोल्ड के साथ टेस्ट किया गया है। यानी कि इसके बाद इस फोन की ड्यूरेबिलिटी प्रभावित हो सकती है। ऐसे में अगर आप अपने फोन को ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो हो सकता कि आपका फोन जल्द खराब हो जाएं।
डिस्प्ले
भले ही फोल्डेबल फोन के साथ आपको बड़ा और आरामदायक डिस्प्ले मिलता हैं, लेकिन इनके साथ एक और बड़ी समस्या है। जब हम फोन को अधिक समय तक इस्तेमाल कर लेते हैं तो इसमें क्रीज पड़ जाती है, जहा से ये फोल्ड होते हैं। ये क्रिज रोजमर्रा के काम- जैसे कि गेमिंग और वीडयो देखने में आपके लिए परेशानी पैदा करती है।
बैटरी और परफॉर्मेंस
नई तकनीकी के साथ हम बेहतर डिस्प्ले की तलाश करते हैं, जिसमें एमोलेड डिस्प्ले और हाई रिफ्रेश रेट मिलता है। फोल्डेबल फोन की बात करें तो इसमें पहले ही बड़ा डिस्प्ले होता है, जो अधिक बैटरी का इस्तेमाल करता है, जिससे इसकी परफॉर्मेंस भी प्रभावित होती है।
यूजर इंटरफेस
अगर UI की बात की जाए तो सॉफ्टवेयर में सुधार किया जाना चाहिए और इसे बड़ी स्क्रीन के लिए कस्टमाइज भी किया जाना चाहिए। फोल्डेबल में कुछ आवश्यक घटक, जैसे कि स्लीक इंटरफ़ेस और सपोर्टेड एप्लिकेशन की अभी भी कमी है।
कैसा होगा फोल्डेबल फोन का भविष्य
स्मार्टफोन निर्मात फोल्डेबल स्मार्टफोन को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। हालांकि इसका असर तुरंत नहीं होगा, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे सैमसंग, मोटोरोला, ओप्पो और अन्य ब्रांड अपनी तकनीकी क्षमताओं को आगे बढ़ाते हैं और आम जनता के लिए एक व्यावहारिक फोल्डेबल फोन पेश करते हैं।