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    Ransomware Attack: क्या होता है रैंसमवेयर अटैक, कैसे चुराता है डाटा; जानें बचने के तरीके

    By Anand PandeyEdited By: Anand Pandey
    Updated: Sun, 06 Aug 2023 02:08 PM (IST)

    Ransomware Attack रैंसमवेयर भी एक तरह का मालवेयर है जो यूजर या किसी ऑर्गेनाइजेशन पर अटैक करके उनके कंप्यूटर पर फाइलों के एक्सेस को रोक देता है। ये उन फाइलों को एन्क्रिप्ट करता है और फिर डिक्रिप्शन की के लिए फिरौती यानी रेंसम की मांग करता हैं इसलिए इसे रैंसमवेयर नाम दिया गया है। रैंसमवेयर हमले को सबसे पहले 1989 में एड्स रिसर्चर जोसेफ पोप ने अंजाम दिया था।

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    रैंसमवेयर एक मालवेयर है , जो यूजर या किसी ऑर्गेनाइजेशन पर अटैक करके फाइलों के एक्सेस को रोक देता है।

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। अगर आप स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते होंगे तो आप मालवेयर अटैक के बारे में जानते ही होंगे। आज हम आपको Ransomware अटैक के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। ये हमले इतने बड़े होते हैं कि करोड़ों यूजर्स को अपनी चपेट में ले लेते हैं।

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    ऐसा ही एक अटैक साल 2017 में आया था। Wanna Cry Ransomware अटैक ने 150 से ज्यादा देशों को प्रभावित किया था। एक स्मार्टफोन यूजरहोने के नाते आपको पता होना चाहिए कि Ransomware क्या होता है? यह कैसे काम करता है? और इससे बचने का तरीका क्या है।

    Ransomware अटैक क्या होता है?

    रैंसमवेयर भी एक तरह का मालवेयर है , जो यूजर या किसी ऑर्गेनाइजेशन पर अटैक करके उनके कंप्यूटर पर फाइलों के एक्सेस को रोक देता है। ये उन फाइलों को एन्क्रिप्ट करता है और फिर डिक्रिप्शन की के लिए फिरौती यानी रेंसम की मांग करता हैं इसलिए इसे रैंसमवेयर नाम दिया गया है। अपने जरूरी डाटा को हासिल करने के लिए लोग या कोई कंपनी पैसे देने को तैयार हो जाती है। जिस कारण ये खतरा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है।

    सबसे पॉप्युलर रैंसमवेयर वेरिएंट

    रयूक(Ryuk): रयूक टार्गेट रैंसमवेयर वर्जन का एक उदाहरण है , जो स्पीयर फिशिंग ईमेल से या रिमोट डेस्कटॉप प्रोटोकॉल (RDP) का उपयोग करके एंटरप्राइज़ सिस्टम में लॉग इन करने के लिए कॉम्प्रोमाइज्ड यूजर क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके भेजा जाता है। बता दें कि रयूक सबसे महंगे रैंसमवेयर में से एक है, जिसमें औसतन 1 मिलियन डॉलर से अधिक की मांग की गई है।

    Maze: Maze: रैंसमवेयर फाइल एन्क्रिप्शन और डाटा चोरी को एक साथ अंजाम देने वाला पहला रैंसमवेयर वर्जन है। जब टार्गेट कंपनी या यूजर फिरौती देने से इनकार करता है तो Maze पीडितों के कंप्यूटरों को एन्क्रिप्ट करने से पहले संवेदनशील डाटा को चुराना शुरू कर देता है।

    इसके बाद इस डाटा की बोली लगती है और सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को बेच दिया जाता है। इसके अलावा REvil, लॉकबिट, Lapsus$ और डियरक्राई जैसे कुछ रैंसमवेयर है, जिसने लोगों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है।

    कब हुआ था पहला साइबर हमला?

    रैंसमवेयर हमले को सबसे पहले साल 1989 में एड्स रिसर्चर जोसेफ पोप ने अंजाम दिया था। उन्होंने 90 देशों में एड्स के खतरों से बचने के बारे में जानकारी देने के लिए 20 हजार फ्लॉपी डिस्क बांटी, जो रैंसमवेयर सॉफ्टवेयर से ग्रसित थी। इस तरह पहली बार Ransomware सभी कंप्यूटर में एक्टिव हुआ। इसके बादल जोसेफ ने 189 डॉलर की फिरौती मांगी थी। इस हमले को AIDS Trojan और PS Cyborg1 के नाम से जाना गया।

    रैंसमवेयर अटैक से बचने के तरीके

    • रैंसमवेयर अक्सर फिशिंग ईमेल का इस्तेमाल करके फैलाया जाता है।
    • आप अपने डेटा का बैकअप लेते रहें, ताकि हमला होने पर आपको कम नुकसान हो और फिरौती ना देनी पड़े।
    • पैचिंग भी रैंसमवेयर हमलों के खिलाफ बचाव में एक जरूरी एलीमेंट है।
    • अपने डिवाइस की सिक्योरिटी पैच को हमेशा अपडेट करते रहें।
    • ऐसे ईमेल जो अननोन जगह से आये हैं उसे पर्सनल डिवाइस में न खोलें।
    • किसी भी अनजान लिंक को क्लिक करने से पहले कई बार सोचें।