क्या है Koo ऐप का चीनी कनेक्शन? किसने की ऐप को फंडिंग, जानिए पूरा सच
बता दें कि पिछले दो दिनों में Koo के डाउनलोडिंग में 10 गुना की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। ऐसे में मात्र दो दिनों में Koo ऐप को 3 मिलियन (करीब 30 लाख) से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। Koo ऐप को Twitter का देसी वर्जन कहा जा रहा है। इसे केंद्रीय मंत्रियों की तरफ से आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत Twitter की टक्कर में प्रमोट किया गया है। लेकिन अब Koo ऐप में चाइनीज फंडिंग का कनेक्शन निकलकर सामने आया है। दरअसल Robert Baptiste ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर Koo ऐप के चीनी कनेक्शन का खुलासा किया। रॉबर्ट की मानें तो Koo ऐप में Shunwei Capital का निवेश है। हालांकि, यह निवेश काफी कम है। Shunwei, शाओमी के साथ कनेक्टेड एक वेंचर कैपिटल है। यह वेंचर कैपिटल स्टार्टअप में निवेश करता है। Koo ऐप पिछले साल भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत ऐप चैलेंज का विजेता रहा था।
Koo के फाउंडर ने दी सफाई
Koo ऐप के को-फाउंडर और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्णा हैं। इन्होंने अपने ट्विटर हैंडल (@aprameya) से ट्वीट कर बताया कि Shunwei Capital का निवेश काफी कम है। इस निवेश को जल्द खत्म किया जाएगा और Koo ऐप पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगा। उन्होंने बताया कि Koo एक इंडियन रजिस्टर्ड कंपनी है, जिसके फाउंडर इंडियन हैं। इस कंपनी में करीब 2.5 साल पहले निवेश किया गया था। इसमें Shunwei Capital का निवेश सिंगल डिजिट में है। मौजूदा वक्त Koo ऐप की लीडिंग इन्वेस्टर कंपनी पूरी तरह से घरेलू है।
Koo is an India registered company with Indian founders. Raised earlier capital 2.5 years ago. Latest funds for Bombinate Technologies is led by a truly Indian investor 3one4 capital. Shunwei (single digit shareholder) which had invested in our Vokal journey will be exiting fully
— Aprameya R (@aprameya) February 10, 2021
The data visible is something that the user has voluntarily shown on their profile of Koo. It cannot be termed a data leak. If you visit a user profile you can see it anyway
— Aprameya R (@aprameya) February 11, 2021
Koo से जानकारी लीक की खबर
फ्रेंच सिक्योरिटी रिसर्चर रॉबर्ट बैपटिस्ट ने दावा किया कि Koo ऐप का इस्तेमाल सुरक्षित नहीं है। ऐप यूजर्स की ई-मेल आईडी, फोन नंबर और डेट ऑफ बर्थ (जन्मतिथि) जैसी जानकारी लीक कर रहा है। रॉबर्ट बैपटिस्ट ट्वीटर हैंडल पर एलियट एंडरसन के नाम से फेमस हैं। वहीं, Koo ऐप के फाउंडर अप्रमेय राधाकृष्णा का कहना है कि डेटा लीक की खबर गैरजरूरी हैं। राधाकृष्णा के मुताबिक यूजर की प्रोफाइल पर नजर आने वाली जानकारी को डेटा लीक कैसे कहा जा सकता है। उन्होंने बताया कि मेल आईडी डालना जरूरी नहीं है। Koo को 95 फीसदी लोगों ने अपने मोबाइल नंबर से login किया है। Email लॉग-इन को हाल ही में एड किया गया है।
95% of koo users login through their mobile phone number
Language communities of India do not use email to login and hence was not the priority of the company.
Email login was introduced recently
Now that concerns have been raised it has already been blocked from view
— Aprameya R (@aprameya) February 11, 2021
You asked so I did it. I spent 30 min on this new Koo app. The app is leaking of the personal data of his users: email, dob, name, marital status, gender, ... https://t.co/87Et18MrOg" rel="nofollow pic.twitter.com/qzrXeFBW0L
— Elliot Alderson (@fs0c131y) February 10, 2021
Koo ऐप का भारत में बढ़ रहा क्रेज
बता दें कि पिछले दो दिनों में Koo के डाउनलोडिंग में 10 गुना की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। ऐसे में मात्र दो दिनों में Koo ऐप को 3 मिलियन (करीब 30 लाख) से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है। पिछले 48 घंटों में Koo ऐप पर सबसे ज्यादा संख्या में साइन-अप किया गया है। Koo ऐप को पिछले साल 2019 के मार्च माह में लॉन्च किया गया था। Koo ऐप वर्तमान में भारतीय भाषाओं हिंदी, तेलुगु, बंगाली, तमिल, मलयालम, गुजराती, पंजाबी, उडिया और असमी को सपोर्ट करता है।
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