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    Beta Test: क्या होती है बीटा टेस्टिंग, जानिए रिलीज से पहले सॉफ्टवेयर और ऐप्स की टेस्टिंग क्यों हैं जरूरी

    By Anand PandeyEdited By: Anand Pandey
    Updated: Mon, 05 Jun 2023 06:11 PM (IST)

    Beta Testing and Its Importance बीटा टेस्टिंग कुछ यूजर को ही दी जाती है। मान लीजिए वॉट्सऐप का कोई लेटेस्ट अपडेट आया है तो प्ले स्टोर में वाट्सऐप के नीचे एक बीटा टेस्ट का ऑप्शन होता है जिसमें यूजर को बीटा टेस्ट पर साइन अप करना पड़ता है। (फोटो-जागरण)

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    What is Beta Testing of Application and Software Know Why Beta Testing is Important

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। जब भी हमारे देश में कोई प्रोडक्ट या सॉफ्टवेयर या एप्लिकेशन बनता है तो उसमें कुछ टेस्टिंग के फेज होते हैं। जो डेवलपर उस एप्लिकेशन को बनाता है तो उस एप्लिकेशन का खुद टेस्ट करता है ताकि उस ऐप में कोई बग या कमी तो नहीं है। टेस्टी ग में इस बात की टेस्टिंग की जाती है कि एप्लिकेशन में कोई एरर या कमी तो नहीं है। 

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    अगर डेवलपर को लगता है कि एप्लिकेशन ठीक है तो वो इस एप्लिकेशन को अल्फा टेस्टिंग के लिए भेज देता है। अल्फा टेस्टिंग का काम होता है जिस डेवलपर ने इस एप्लिकेशन को बनाया है वो इस एप्लिकेशन को उस डेवलपर के मेंबर को देता है। आज की इस आर्टिकल में हम आपको बीटा टेस्टिंग से जुड़ी जानकारी देने वाले हैं। 

    क्या होती है बीटा टेस्टिंग?

    बीटा टेस्टिंग कुछ यूजर को ही दी जाती है। मान लीजिए वॉट्सऐप का कोई लेटेस्ट अपडेट आया है तो प्ले स्टोर में व्हाट्सऐप के नीचे एक बीटा टेस्ट का ऑप्शन होता है जिसमें यूजर को बीटा टेस्ट पर साइन अप करना पड़ता है। जैसे आप उस बीटा टेस्ट में साइन अप करते हैं आप उस कंपनी के बीटा टेस्ट मेंबर बन जाते हैं।

    बीटा टेस्टिंग (Beta Testing Meaning) का मतलब होता है कि कोई भी एप्लीकेशन अपना नया वर्जन अपडेट करने से पहले वो इसको कुछ लिमिटेड यूजर्स के द्वारा टेस्ट करवाती है कि इस एप्लीकेशन में कुछ गलत या टेक्निकल कमी तो नहीं है। इसी टेस्टिंग को हम बीटा टेस्टिंग कहते हैं।

    बीटा टेस्टिंग में दे सकते हैं अपना फीडबैक 

    इस बीटा टेस्टिंग में यूजर सीधे डेवलपर को फीडबैक दे सकते हैं। फीडबैक में यूजर सीधे डेवलपर को मैसेज करके बता सकता है की एप्लिकेशन में कोई कमी तो नहीं है। डेवलपर फीडबैक पाकर उस एप्लिकेशन में सुधार करते हैं। जब डेवलपर को बीटा टेस्टिंग अच्छी मिलेगी  तो डेवपलर उस ऐप को सही करके उसका अपडेट गूगल प्ले स्टोर पर डाल सकता है। 

    बीटा टेस्टिंग के मेंबर कैसे बने?

    बीटा टेस्टिंग के मेंबर बनने के लिए सबसे पहले आपको वो एप्लीकेशन सर्च करनी होगी गूगल प्ले स्टोर पर जिसके आप बीटा मेंबर बनना चाहते हैं। उदाहरण के लिए आप इंस्टाग्राम के बीटा मेंबर बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले आप प्ले स्टोर से इंस्टाग्राम एप्लीकेशन को सर्च करें या जैसे ही आप इस एप्लीकेशन के डाउनलोड वाले पेज पर आ जाओगे टू स्क्रॉल डाउन करके सबसे नीचे आपको बीटा टेस्ट का विकल्प मिलेगा इसपर क्लिक करें या बीटा टेस्ट को ज्वाइन करें। अगर Instagram के बीटा मेंबर की जगह होगी तो आपको बीटा मेंबर बना लिया जाएगा। 

    बीटा टेस्टिंग के फायदे 

    बीटा टेस्टिंग का सबसे अच्छा एक फैसला है आप जिस एप्लीकेशन के बीटा मेंबर बनोगे तो आपको सबसे पहले हमें एप्लीकेशन का अपडेट  या सबसे पहले वो एप्लीकेशन आपको टेस्टिंग (Beta Testing) के लिए दी जाएगी। अगर आपको हमें एप्लीकेशन में कुछ गलत देखता है तो आप डेवलपर को सीधे संपर्क करके बता सकते हैं। ये अधिकार केवल बीटा टेस्टिंग मेंबर्स को दिया जाता है।