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    क्या है Artificial General Intelligence, इस टेक्नोलॉजी को लेकर आखिर क्यों है दुनिया परेशान

    Updated: Tue, 07 May 2024 03:42 PM (IST)

    मौजूदा समय में हम एआई का इस्तेमाल कस्टमर सर्विस चैटबॉट एपल सिरी-अमेजन एलेक्सा जैसे वॉइस असिस्टेंट इमेज-फेशियल रिकॉग्नीशन एप्लीकेशन के रूप में कर रहे हैं। आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (Artificial General Intelligence) को थ्योरी में पढ़ा जा रहा है वहीं दूसरी ओर एआई कल्पना से अलग हकीकत है जिसका इस्तेमाल अलग-अलग कामों में हो रहा है। एजीआई कॉमन सेंस और कई दूसरी क्षमताएं रखता है।

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    क्या है Artificial General Intelligence, भविष्य की इस टेक्नोलॉजी को लेकर क्यों है डर

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (Artificial General Intelligence) एक ऐसी मशीन या सॉफ्टवेयर को समझ सकते हैं जो ऐसे किसी भी ऐसे काम को कर सकता है, जिसे एक आम इंसान अपनी बुद्धि के इस्तेमाल से करता है।

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    Artificial General Intelligence किन मायनों में खास

    एजीआई कॉमन सेंस, रीजनिंग, थिंकिंग, बैकग्राउंड नॉलेज, ट्रांसफर लर्निंग और कारण- प्रभाव के बीच अंतर करने की क्षमता रखता है। AGI (Artificial General Intelligence) को एक ताकतवर एआई माना जाता है।

    एआई शोधकर्ताओं की मानें तो एजीआई हाई-लेवल क्षमताओं को रखता है। यह सिस्टम अलग-अलग तरह के लर्निंग और लर्निंग एल्गोरिद्म को सुलझा सकता हैै। सॉफ्टवेयर सिंबल सिस्टम को समझ सकता है।

    अलग-अलग तरह का ज्ञान रख सकता है। अलग-अलग तरह के बिलीफ सिस्टम को समझ सकता है।

    Artificial General Intelligence की क्या जरूरत

    इंसान अपने आसपास के वातावरण और लोगों से चीजें सीखता है। इसके अलावा, इंसान अपना ज्ञान किताबें पढ़ने और टेलीविजन देखने के साथ बढ़ाता है।

    सीखने के साथ ही इंसानों की निर्णय लेने की क्षमता भी विकसित होती है। वहीं, एजीआई के साथ, शोधकर्ताओं का लक्ष्य एक ऐसा सॉफ्टवेयर या कंप्यूटर बनाना है जो इंसानों के सभी काम को तेज और बेहतर तरीके से कर सके।

    Artificial General Intelligence हकीकत या भविष्य की कल्पना

    वर्तमान समय को एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दौर मान जा रहा है। हालांकि, आज के समय के एआई को एजीआई (artificial general intelligence) की एक छोटी इकाई के रूप में देखा जा रहा है।

    मौजूदा समय में हम एआई का इस्तेमाल कस्टमर सर्विस चैटबॉट, एपल सिरी-अमेजन एलेक्सा जैसे वॉइस असिस्टेंट, इमेज-फेशियल रिकॉग्नीशन एप्लीकेशन के रूप में कर रहे हैं।

    एजीआई को थ्योरी में पढ़ा जा रहा है वहीं, दूसरी ओर एआई कल्पना से अलग हकीकत है, जिसका इस्तेमाल अलग-अलग कामों में हो रहा है।

    एआई का कंट्रोल इंसानों के पास है, लेकिन वहीं, एजीआई बिना इंसानों की मदद से सभी इंसानी काम कर सकेंगे। एजीआई इंसानों से बेहतर काम करने की क्षमता रखेंगे।

    ये भी पढ़ेंः AI vs Human : क्या इंसानों से ज्यादा अकलमंद है AI? जानें दोनों की समझदारी में अंतर

    एजीआई को लेकर क्यों है डर

    अब सवाल यह उठता है कि आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (Artificial General Intelligence) को लेकर किस तरह का डर है।

    जानकार समय समय पर एजीआई के खतरों को लेकर चेतावनी दे रहे हैं। जानकारों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पूर्ण विकास इंसानों के खात्मे की वजह बन सकता है।

    यह जो वर्तमान में इंसानों की मदद से तैयार किए जा रहे हैं, भविष्य में खुद को खुद ही तैयार कर सकेंगे। इतना ही नहीं, वे लोग जो मशीन या सॉफ्टवेयर से ज्यादा बेहतर और अलग काम नहीं कर सकेंगे प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाएंगे।