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    क्या होते हैं VPN, जिन्हें भारत सरकार करने जा रही है बैन? जानिए क्यों उठी प्रतिबंध की मांग

    VPN सर्विस में एंन्क्रिप्टेड डेट का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे कोई भी आपके IP एड्रेस को ट्रैक नहीं कर सकता है। कहने का मतलब VPN के इस्तेमाल से आप अपनी ऑनलाइन एक्टिविटी को हाइड कर सकते हैं। साथ ही पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल सुरक्षित रहता है।

    By Saurabh VermaEdited By: Updated: Mon, 06 Sep 2021 10:07 AM (IST)
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    यह VPNs की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। देशभर में VPN सर्विस बंद हो सकती हैं। इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर की तरफ से मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के साथ संपर्क साधा गया है और संबंधित मंत्रलाय से खतरनाक VPN की पहचान करके उन्हें ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया है, जिससे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की मदद हो सके। हालांकि VPN बैन से कई तरह की चुनौतियों का भी सामना करना होगा। इससे कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है। 

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    क्या होते हैं VPN

    • VPNs को वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के नाम से जाना जाता है। दिग्गज कंपनियां अपने डेटा को सुरक्षित रखने और डेटा को प्राइवेट तरीक से इस्तेमाल के लिए VPNs का इस्तेमाल करती हैं। VPN किसी भी कंपनी को डिजिटल मोड में सुरक्षित तरीके से काम करने का माहौल उपलब्ध कराती हैं। VPNs के चलते वर्क फ्रॉम होम के दौर में सुरक्षित तरीके से काम करने में मदद मिली है।
    • VPN सर्विस में एंन्क्रिप्टेड डेट का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे कोई भी आपके IP एड्रेस को ट्रैक नहीं कर सकता है। कहने का मतलब VPN के इस्तेमाल से आप अपनी ऑनलाइन एक्टिविटी को हाइड कर सकते हैं। VPN सर्विस को पब्लिक वाई-फाई के इस्तेमाल के दौरान भी हाइड कर सकते हैं।
    • Forbes की रिपोर्ट के मुताबिक 30 फीसदी लोग एक माह में कम से कम एक बार VPNs सर्विस के जरिए इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। यह टूल कॉरपोरेट जगत के लिए काफी उपयोगी साबित होता है, जो उन्हें डेटा और सर्विस को सुरक्षित रखने में मदद करता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता कि आप रेस्टोरेंट, कैफे जैसे पब्लिक प्लेस में सुरक्षित तरीके इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाते हैं। भारत में VPN का सबसे ज्यादा इस्तेमाल मोबाइल गेम PUBG खेलने के लिए किया गया।

    VPNs बैन का प्रस्ताव क्यों

    दरअसल ऐसे आरोप है कि VPN के जरिए अपनी ऑनलाइन पहचान छुपाकर क्रिमिनल फ्रॉड जैसी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में कमेटी की तरफ से भारत में VPN को बैन करने के लिए एक तंत्र विकसित करने पर जोर दिया गया, जिससे खतरनाक VPNs को बैन किया जा सके। कमेटी के मुताबिक VPN सर्विस और Dark Web साइबर सिक्योरिटी को बायपास कर देते हैं, जिससे सिक्योरिटी को लेकर कई तरह के चैंलेंज का सामना करना पड़ रहा है।

    बैन का क्या होगा असर

    कंपनी की तरफ से यूजर्स को वर्क फ्रॉम होम काम करने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यूजर किसी भी लोकेशन से काम कर सकते हैं। इस दौरान उनका डेटा और नेवटर्क एन्क्रिप्टेड रहता है। लेकिन VPNs बैन के बाद से रिमोटली काम करने में दिक्कत होगी। साथ ही एक्सपर्ट का मानना है कि इससे प्राइवेसी को लेकर की तरह की चिताएं सामने आएंगी।