Mobile Tower लगवाने के आते हैं फोन? जानिए इस बड़ी धोखाधड़ी के मामले में जिस पर सरकार ने भी जारी कर दी है एडवाइजरी
Mobile Tower लगवाने को लेकर भारत सरकार के संचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग ने एक पब्लिक एडवाइजरी जारी कर दी है। इससे सरकार ने कई पहलुओं को साफ कर दिया है। जानिए इस एडवाइजरी को विस्तार से।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। मोबाइल नेटवर्क में सिग्नल की कमी आपको भी खलती होगी। लेकिन इस समस्या को लेकर अगर कोई व्यक्ति आपके घर में मोबाइल टावर लगवाने के लिए आपसे संपर्क करता है तो वो एक बड़ा फ्रॉड हो सकता है। पिछले कुछ समय से ऐसे कई मामले सामने आ रहे थें, जिनमें धोखेबाज़ लोग खुद को कंपनी का एजेंट बता कर मोबाइल टावर लगवाने के लिए लोगों को ठगने का काम का रहे थें।
भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी
दूरसंचार विभाग (DOT) के संज्ञान में आया है कि कुछ बेईमान कंपनियां, एजेंसियां या व्यक्ति मोबाइल टावर लगाने के नाम पर आम लोगों को बड़ा मासिक किराए आदि का वादा कर उनको ठगती है। इन सब को देखते हुए, भारत सरकार के संचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग ने मोबाइल टॉवर लगाने से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों पर एक पब्लिक एडवाइजरी जारी कर दी है।
क्या है इस एडवाइजरी में?
- सरकार ने अपनी इस एडवाइजरी के जरिये जनता को सूचित कर ये साफ शब्दों में बताया है कि दूरसंचार विभाग या TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए जगहों को किराए पर लेने में शामिल नहीं होती है।
- DOT (Department of Telecommunications), TRAI या उसके अधिकारी मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए कोई NOC (No Objection Certificate) जारी नहीं करते हैं।
- सरकार ने ये भी बताया कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की अपडेटेड लिस्ट (Telecom Service Providers) और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर (आईपी-1), जो मोबाइल टावर लगाने के लिए अधिकृत हैं। इन दोनों की लिस्ट दूरसंचार विभाग की वेबसाइट www.dot.gov.in और www.dot.gov.in/infrastructure-provider.Public पर उपलब्ध है।
- केंद्र सरकार ने जनता को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई कंपनी/एजेंसी/व्यक्ति मोबाइल टावर लगाने के लिए पैसे मांगता है, तो अतिरिक्त सावधानी बरतें और कंपनी की साख को जांच लें। इसके साथ ही TSP (Telecom Service Providers) और IP-1 (Infrastructre Provider) की एसोसिएशन ने भी पुष्टि की है कि उनके सदस्य मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई पैसे नहीं मांगते हैं।
- एडवाइजरी में यह भी बताया है कि अगर किसी व्यक्ति को ऐसी किसी भी धोखाधड़ी वाली गतिविधि का पता चलता है, तो वह पुलिस को घटना की रिपोर्ट कर सकता है।
- इसके अलावा, डीओटी की स्थानीय फील्ड यूनिट्स से भी संपर्क किया जा सकता है। इनसे संपर्क की जानकारी डीओटी की वेबसाइट www.dot.gov.in/relatedlinks/director-general-telecom पर उपलब्ध है।