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    मोबाइल फोन से किया टेलीमार्केटिंग मैसेज तो कट जाएगा कनेक्शन, स्कैमर्स पर भी लगाम

    टेलीमार्केटिंग के लिए मैसेज अब सिर्फ रजिस्टर्ड नंबरों से किया जा सकेगा। इसके लिए कंपनियों को 180 या 140 सीरीज के नंबरों का इस्तेमाल करना होगा। अगर वे 10 अंकों वाले मोबाइल नंबर अब से टेलीमार्केटिंग के लिए इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे। टेलीकमार्केटिंग के लिए अगर मोबाइल नंबर से मैसेज आता है तो वे 1909 पर कॉल कर इसकी शिकायत कर सकते हैं।

    By Jagran News Edited By: Subhash Gariya Updated: Wed, 29 May 2024 11:14 PM (IST)
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    टेलीमार्केटिंग मैसेज सिर्फ 140 या 180 सीरीज से आएंगे

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग ने कहा है कि टेलीमार्केटिंग के लिए मोबाइल नंबरों के उपयोग की अनुमति नहीं है और अगर कोई उपभोक्ता अपने उत्पाद के प्रचार को लेकर मैसेज भेजने के लिए अपने मोबाइल कनेक्शन का उपयोग करता है तो पहली शिकायत पर उसका कनेक्शन काट दिया जाएगा। विभाग का कहना है कि ऐसे उपभोक्ता का नाम और पता दो साल की अवधि के लिए काली सूची में डाला जा सकता है।

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    180 या 140 सीरीज से ही कर पाएंगे टेलीमार्केटिंग

    टेलीमार्केटिंग के लिए मैसेज भेजने का काम सिर्फ पंजीकृत नंबरों से किया जा सकता है। 180 या 140 सीरीज के नंबर से ही टेलीमार्केटिंग के लिए मैसेज भेजने का काम किया जा सकता है। 10 अंकीय मोबाइल नंबर का इस्तेमाल इस काम के लिए नहीं किया जा सकता है और अगर उपभोक्ता 10 अंकीय मोबाइल नंबर से टेलीमार्केटिंग से जुड़े मैसेज पाते हैं तो वे 1909 पर डायल कर इसकी शिकायत कर सकते हैं या डीएनडी (परेशान न करें) सेवा का उपयोग कर सकते हैं।

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    इन दिनों 10 अंकीय मोबाइल नंबर से काल के जरिए टेलीमार्केटिंग का काम खुलेआम किया जा रहा है और उस पर रोक नहीं लग पा रहा है। ऐसे नंबर को उपभोक्ता सिर्फ ब्लॉक कर सकता है, लेकिन टेलीमार्केटिंग वाले फिर दूसरे नंबर से मार्केटिंग का काम शुरू कर देते हैं।

    स्कैमर्स पर लगाम

    दूरसंचार विभाग के मुताबिक मैसेज भेजकर इन दिनों वित्तीय धोखाधड़ी की जा रही है और इस पर सरकार की कड़ी नजर हैं। विभाग के मुताबिक पिछले तीन महीनों में आठ हेडर का उपयोग करके 10,000 से अधिक धोखाधड़ी वाले मैसेज भेजे गए।

    इन आठ हेडर से जुड़ी संस्थाएं एवं उनके मालिक को काली सूची में डाल दिया गया है। विभाग का कहना है कि वित्तीय धोखाधड़ी में दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने में मदद के लिए उपभोक्ता संचार साथी पोर्टल पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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