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    Telecom Tariff Hike: मोबाइल रिचार्ज पर भी पड़ेगा चुनाव का असर, इतना महंगा हो सकता है टेलीकॉम टैरिफ प्लान

    Updated: Thu, 11 Apr 2024 04:07 PM (IST)

    देश में लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) का आगाज हो गया है। 19 अप्रैल 2024 से वोटिंग शुरू हो जाएगी। ऐसे में चुनाव से पहले एक विश्लेषक रिपोर्ट आई है। इसमें कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनी चुनाव के बाद टैरिफ प्लान में 15-17 प्रतिशत बढ़ोतरी कर सकता है। भारत में दूसरी बड़ी टेलीकॉम इंडस्ट्री एयरटेल (Airtel) को इससे सबसे ज्यादा लाभ होगा।

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    Telecom Tariff Hike: मोबाइल रिचार्ज पर भी पड़ेगा चुनाव का असर

    पीटीआई, नई दिल्ली। देश में चुनावी माहौल (Loksabha Election 2024) है। 19 अप्रैल से लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग शुरू हो जाएगी। चुनाव के नतीजों की घोषणा 4 जून को होगी।

    चुनाव के बाद टेलीकॉम की टैरिफ प्लान को लेकर विश्लेषक रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार आम चुनाव से पहले टेलीकॉम कंपनी 15-17 प्रतिशत तक टैरिफ प्लान में बढ़ोतरी हो सकती है।

    एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग ( Antique Stock Broking) की एक रिपोर्ट में कहा गया कि हमें उम्मीद है कि चुनाव के बाद टेलीकॉम उद्योग 15-17 फीसदी टैरिफ बढ़ोतरी करेगा। इस बढ़ोतरी से सबसे ज्यादा लाभ भारती एयरटेल को होगा। आखिरी बार दिसंबर 2021 में लगभग 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

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    भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती है। इसको लेकर रिपोर्ट में गया कि भारती का उद्योग का एआरपीयू वित्त वर्ष 27 के अंत तक 286 रुपये तक जा सकता है जो वर्तमान में 208 रुपये हैं।

    इसमें टैरिफ बढ़ोतरी के लिए 55 रुपये और 2 जी कस्टमर जो 4जी में अपग्रेड करवाना चाहते हैं उनके लिए 10 रुपये का योगदान देना पड़ सकता है। इसके अलावा उच्च डेटा प्लान (4जी और 5जी दोनों) में अपग्रेड और पोस्टपेड डिलीवरी में 14 रुपये की बढ़ोतरी होगी।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि उम्मीद है कि भारती का ग्राहक आधार सालाना लगभग दो फीसदी की दर से बढ़ेगा, जबकि उद्योग की सालाना वृद्धि दर एक फीसदी है।

    एयरटेल के वित्तीय प्रदर्शन में होगा सुधार

    आने वाले 3 वर्षों में सुनील मित्तल की अगुवाई वाली एयरटेल (Airtel) का वित्तीय प्रदर्शन काफी अच्छा रहने वाला है। उम्मीद है कि रिफ बढ़ोतरी, 2जी अपग्रेडेशन, एंटरप्राइज और फाइबर-टू-द-होम की मजबूत वृद्धि होगी। हालांकि, कंपनियों के सामने फिर भी चुनौतियों को सामना करना पड़ेगा।

    भारती (Bharti) ने वित्त वर्ष 2014-26 में लगभग 75,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लिए मार्गदर्शन किया है। इससमें 5जी रोलआउट भी शामिल है। रोलआउट के बाद कंपनी के पूंजीगत व्यय की तीव्रता में काफी गिरावट आने की संभावना है।

    रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि वित्त वर्ष 27 से शुरू होने वाले पांच वर्षों में लगभग 75,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय होगा। इसमें लगभग 19,000-20,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की रन-रेट से गिरावट हो सकती है।

    एफडब्ल्यूए और एंटरप्राइज के मौजूदा 26,500 करोड़ रुपये प्रति वर्ष रन रेट (FY24 -26) से घटकर 23,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष (एक्स-स्पेक्ट्रम/एजीआर भुगतान) होने की संभावना है।

    माना गया है कि एयरटेल के राजस्व के प्रतिशत के रूप में गिरावट "तीव्र" है। दीर्घकालिक राजस्व वृद्धि के साथ मुख्य रूप से एआरपीयू वृद्धि भी होगी।

    वोडाफोन-आइडिया और बीएसएनएल का वित्तीय प्रदर्शन

    भारत में शीर्ष दो दूरसंचार कंपनियां वोडाफोन आइडिया (Vodafone-Idea) और राज्य के स्वामित्व वाली बीएसएनएल (BSNL) की कीमत पर पिछले लगभग 5.5 वर्षों में ग्राहक बाजार हिस्सेदारी हासिल कर रही हैं।

    वोडाफोन आइडिया वित्तीय संकट से जूझ रहा है। वोडाफोन आइडिया का रेवेन्यू सितंबर 2018 में 37.2 प्रतिशत से घटकर दिसंबर 2023 में लगभग आधा 19.3 प्रतिशत पर आ गया है।

    इस अवधि के दौरान भारती की बाजार हिस्सेदारी 29.4 प्रतिशत से बढ़कर 33 प्रतिशत हो गई है। जियो (Jio) की हिस्सेदारी 21.6 प्रतिशत से बढ़कर 39.7 प्रतिशत हो गया है।

    एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग ने रिपोर्ट में कहा कि वोडाफोन आइडिया (VIL) की बाजार में हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2018 की 4 तिमाही में 35.3 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में 19.3 प्रतिशत हो गई। वहीं जियो 24.4 प्रतिशत से बढ़कर 44.5 प्रतिशत और भारती 28.7 प्रतिशत से बढ़कर 35.8 प्रतिशत हो गई।

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