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Tech News: अब AI की मदद से होगा लिवर और फेफड़े के कैंसर का इलाज, प्रोजेक्ट के लिए चुने गए ये दो शहर

अब देश में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद से लिवर फेफड़ों और ओरल कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का इलाज होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से यह निर्णय लिया गया है। इसके तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में एआइ तकनीक का इस्तेमाल कर मरीजों को बेहतर और सटीक इलाज मुहैया कराने के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस तय किया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyPublished: Sat, 22 Jul 2023 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jul 2023 07:00 AM (IST)
अब AI की मदद से होगा लिवर और फेफड़े के कैंसर का इलाज।

चंडीगढ़, विशाल पाठक। अब देश में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद से लिवर, फेफड़ों और ओरल कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का इलाज होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से यह निर्णय लिया गया है। इसके तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में एआइ तकनीक का इस्तेमाल कर मरीजों को बेहतर और सटीक इलाज मुहैया कराने के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस तय किया गया है।

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इसमें एम्स दिल्ली और एम्स ऋषिकेश के अलावा पीजीआइ चंडीगढ़ के टेलीमेडिसिन विभाग को भी चुना गया है। आर्टिफिशियल इंटेजिलेंस यानी कंप्यूटर साइंस और रोबोट डाटासेट के जरिये मरीजों को उच्चतम स्तर का इलाज मुहैया कराना, जिसमें किसी भी प्रकार की कोई गलती या जोखिम न हो। 

देशभर में एम्स दिल्ली, एम्स ऋषिकेश और पीजीआइ चंडीगढ़ को मंत्रालय ने सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में इस प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। शराब के सेवन से लिवर की बीमारी, फेफड़ों और मुंह के कैंसर जैसे रोग के इलाज में होगा प्रयोग। आम तौर पर डाक्टर किसी रोगी की मौजूदा स्थिति, बीमारी कितने समय से है, क्या दिक्कत है और उस बीमारी के कारणों का पता लगाकर इलाज मुहैया कराते हैं।

लेकिन आर्टिफिशियल इंटेजिलेंस की मदद से अब गंभीर रोग जैसे शराब आदि के सेवन से व्यक्ति को हुई लिवर की बीमारी, फेफड़ों और मुंह के कैंसर जैसे रोग में सटीक इलाज मुहैया कराया जाएगा। एआइ तकनीक के जरिये मरीज की आयु, उसकी बीमारी, बीमारी के कारण और इसके सही होने का उचित तरीका क्या हो सकता है। सर्जरी की कौन सी तकनीक उम्र के हिसाब से मरीज पर ठीक रहेगी, अब एआइ तकनीक के जरिये यह सब पता लगाकर मरीज के इलाज के दौरान सर्जरी या आपरेशन करने के वक्त होने वाले जोखिम को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।

तीन साल में भूमिका होगी अहम 

अगले तीन साल इसकी भूमिका अहम होगी। अंदर शुरुआती दौर में गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीजों का डाटा बैंक के जरिये एक माडल तैयार किया जाएगा, जिससे यह पता चले कि किस प्रकार के मरीज में सर्जरी की कौन सी तकनीक और इलाज के दौरान क्या कदम उठाए जाने हैं।

प्रयोग बतौर देशभर में तीन सेंटर बनाए गए, करेंगे निगरानी 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिकित्सा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करने के लिए देशभर में तीन सेंटर आफ एक्सीलेंस तैयार किए हैं। इसमें एम्स दिल्ली के अलावा पीजीआइ चंडीगढ़ व एम्स ऋषिकेश को शामिल किया गया है। पीजीआइ चंडीगढ़ के डिप्टी डायरेक्टर कुमार गौरव धवन ने बताया पीजीआइ को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों से आने वाले मरीजों को भी इलाज मुहैया करा रहा है। 


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