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    Google और Meta जैसी टेक कंपनियों को बड़ी राहत, नए नियमों के पालन के लिए एक साल तक का समय दे सकती है सरकार

    By Ankita PandeyEdited By: Ankita Pandey
    Updated: Wed, 20 Sep 2023 05:08 PM (IST)

    Digital Personal Data Protection Act केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि टेक यूनिट्स को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 के स्टैडर्ड का अनुपालन करने वाले अपने सिस्टम को तैयार करने के लिए लगभग एक साल का समय दिया जा सकता है। चंद्रशेखर ने कहा कि आठ नियमों के लिए गाइडलाइन एक महीने के भीतर लागू कर दी जाएगी। आइये इसके बारे में जानते हैं।

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    डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 के लिए जल्द गाइडलाइन लाएगी सरकार

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के कानून बनने के लगभग एक महीने बाद भारत सरकार नए नियमों की रूपरेखा पर चर्चा शुरू करेगी, जो इसके ऑपरेशन के लिए जरूरी हैं। आईटी मंत्रालय के अधिकारी ने आज यानी 20 सितंबर को मेटा गूगल, एप और अमेजन जैसी टॉप टेक कंपनियों के प्रतिनिधियों से मिले और कई जरूरी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसमें नए कानून के अनुपालन की समयसीमा, खास नियमों की रूपरेखा और क्या सभी संस्थाओं को समान समय दिया जाएगा और कानून का पालन करना शामिल है।

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    डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 भले ही कानून के रूप में मान्यता मिल गई है, लेकिन अधिनियम को संचालित करने के लिए कम से कम 25 नियम तैयार करने होंगे। बता दें कि सरकार को इसके किसी भी प्रावधान के लिए नियम बनाने का अधिकार भी दिया गया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस बात की सूचना भी दी है कि ज्यादातर नियम पहले से ही तैयार हैं।

    आईटी राज्य मंत्री ने कही ये बात

    • इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पहले मीडिया को पहले ही बताया था कि सरकार अलग-अलग संस्थाओं के लिए डेटा संरक्षण अधिनियम को लागू करने के तरीके में एक ग्रेडेड अपरोच रखेगी।

    • बता दें कि सरकार पहले बड़ी तकनीकी कंपनियों के लिए कानून लागू करेगी और अपनी एजेंसियों और डिपार्टमेंट, छोटी संस्थाओं और स्टार्ट-अप के लिए एक लंबी ट्रांजिशन टाइमलाइन की पेश करेगी। आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस मीटिंग की अगुवाई की है।

    यह भी पढे़ं- डेटा प्रोटेक्शन कानून के साथ भारतीय ही नहीं, विदेशी कंपनियों की भी बढ़ेगी जिम्मेदारी: राजीव चंद्रशेखर

    देना होगा भारी जुर्माना

    • इस कानून में कंपनियों को सहमति-आधारित सिस्टम के माध्यम से यूजर्स के व्यक्तिगत डेटा को इकट्ठा करने की जरूरत होती है।मगर कंपनियों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि इनका सही इस्तेमाल किया जाए।
    • अगर कंपनिया डेटा उल्लंघन को रोकने में नाकाम रहती है या सही सुरक्षा उपाय नहीं कर पा रहे है तो उनको 250 करोड़ रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है।

    30 दिनों में शुरू होगा डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड

    • चंद्रशेखर ने कहा कि हम अगले 5-6 दिनों में अनुपालन के ज्यादातर नियम लागू करना शुरू कर देंगे।
    • उन्होंने यह भी बताया कि नए नियम 30 दिनों के भीतर लागू कर दिए जाएंगे। इसके अलावा इस बात की भी जानकारी मिली की डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड भी 30 दिनों में शुरू हो जाएगा।

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