एआई टेक्नोलॉजी खोल रही तरक्की के दरवाजे, लेकिन गलत इस्तेमाल के परिणाम खतरनाक: Google CEO Sundar Pichai
Artificial Intelligence Harmful Impacts तेजी से आगे बढ़ती टेक्नोलॉजी जहां इंसानों के लिए नई सुविधाओं को पेश कर रही है वहीं इसके गलत इस्तेमाल के परिणामों को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने एआई पर अपनी बात रखी। (फोटो- जागरण)

नई दिल्ली, टेक डेस्क। तेजी से आगे बढ़ती टेक्नोलॉजी ने इंसानों के लिए तरक्की के कई दरवाजे खोले हैं। एआई आधारित चैटबॉट इंसानों के कामों को पहले से अधिक आसान बना रहे हैं। इसी कड़ी में गूगल सीईओ
सुंदर पिचाई ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपनी बात रखी। सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) मानते हैं कि एआई आधारित टेक्नोलॉजी के एक ओर बहुत से फायदे हैं, लेकिन इसकी खामियां खतरनाक परिणामों वाली हो सकती है।
एआई टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल कितना खतरनाक
सुंदर पिचाई ने कहा कि, एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल गलत तरीके से किया जाता है तो इसके परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि एआई टेक्नोलॉजी के नेगेटिव पॉइंट्स ने उनसे कई रातों की सुकून भरी नींद छीनी है।
यही वजह रही कि सके खतरनाक परिणामों की कल्पना मात्र से ही इस टेक्नोलॉजी को रेगुलेट करने के लिए नियम-कानूनों की जरूरत महसूस होती है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी तेज गति से आगे एडवांस हो रही है, ऐसे में इसके गलत इस्तेमाल को लेकर चिंता बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के एडवांस होने की तेजी इतनी अधिक है कि इंसान इसके परिणामों के लिए पहले से तैयार नहीं हो सकता। हालांकि, इस टेक्नोलॉजी के गलत इस्तेमाल को लेकर बहुत से लोगों की चिंताएं बढ़ी हैं, ऐसे में भविष्य में खतरनाक परिणामों के लिए पहले ही नियम-कानून बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में एक आशावादी सोच भी रखता हूं।
किन कामों को प्रभावित कर सकती है लेटेस्ट टेक्नोलॉजी
उन्होंने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि लेटेस्ट टेक्नोलॉजी "हर कंपनी के हर उत्पाद को प्रभावित करेगी। उन्होंने माना कि लेटेस्ट टेक्नोलॉजी Knowledge workers के काम को बाधित कर सकती है।
इनमें लेखक, आर्किटेक्ट,सॉफ्टवेयर इंजीनियर जैसे लोगों का काम प्रभावित हो सकता है। उन्होंने कहा कि समाज को एआई से जुड़े नियम-कानूनों को फॉलो करना चाहिए और इसके प्रति जिम्मेदार बनना चाहिए।
जेनेरेटिव एआई से बनाए जा सकते हैं डीपफेक वीडियो
गूगल सीईओ ने कहा कि जेनेरेटिव एआई का इस्तेमाल कर डीपफेक वीडियो बनाए जा सकते हैं। इन डीपफेक वीडियो का समाज पर खतरनाक प्रभाव पड़ सकता है।
बता दें, गूगल ने हाल ही में पॉपुलर चैटबॉट चैटजीपीटी जैसा एआई मॉडल बार्ड पेश किया है। सीईओ ने माना कि बार्ड के काम करने के तरीके को लेकर बहुत सी चीजें गूगल की समझ से बाहर रही थीं।
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