Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Smartphone Price Hike: नए साल में लगेगा फटका, स्मार्टफोन की कीमत बढ़ाने को मजबूर हो जाएंगी कंपनियां

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 05:30 PM (IST)

    आने वाले दिनों में स्मार्टफोन, लैपटॉप और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस और महंगे हो जाएंगे। इनके महंगे होने की वजह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई है। दर ...और पढ़ें

    Hero Image

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप, गेमिंग कंसोल, स्मार्ट टीवी में RAM सबसे जरूरी कंपोनेंट होता है। अब तो कारों में भी रैम का खूब इस्तेमाल होता है। पिछले कुछ समय से रैम की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसकी वजह से पिछले दिनों जो भी स्मार्टफोन लॉन्च हुए हैं उनकी कीमत कुछ-कुछ बढ़ी है। संभावना जताई जा रही है कि भविष्य में भी स्मार्टफोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस की कीमत में तेजी देखने को मिल सकती है। रैम की कीमत इतनी बढ़ गई है सैमसंग ने अपने ही मोबाइल डिवीजन के लिए रैम सप्लाई की डिमांड को रिजेक्ट कर दिया। रैम की कीमत में इस बढ़ोतरी की वजह क्या है?

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या AI है वजह?

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे-जैसे एडवांस हो रहा है कम्प्यूटिंग की जरूरत बढ़ रही है। एआई सेक्टर की बड़ी कंपनियां जैसे OpenAI, Google और Meta बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में लगी हैं। इसके लिए वे बड़े डेटा सेंटर बना रही हैं। हाल में गूगल ने अडानी इंटरप्राइजेज के साथ भारत में अपना सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाने के लिए पार्टनरशिप की है। इन डेटा सेंटर को ऑपरेट करने के लिए रैम और स्टोरेज की बड़ी भूमिका होती है। एआई के लिए कंपनियों को हाई बैंडविड्थ मेमोरी (HBM) की जरूरत होती है।

    किसी भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल को काम करने और उसे ट्रेन करने के लिए NVIDIA के GPU जैसे AI चिपसेट की बहुत जरूरत होती है। इस जीपीयू को बनाने के लिए सबसे जरूरी कॉम्पोनेंट में हाई बैंडविड्थ मेमोरी (HBM) भी शामिल है। HBM बनाने के लिए, Samsung, SK Hynix और Micron जैसी कंपनियों को DDR5 जैसे स्टैंडर्ड कंज्यूमर ग्रेड RAM का प्रोडक्शन कम करना पड़ता है।

    कंज्यूमर-ग्रेड रैम का कम प्रोडक्शन

    कंपनियां अपने प्रॉफिट को बढ़ाने के लिए कंज्यूमर ग्रेड रैम के बजाय एआई चिप के लिए जरूरी कॉम्पोनेंट HBM का प्रोडक्शन कर रही हैं। यही कारण है कि इन रैम की मार्केट में शॉर्टेज है और इनकी कीमत तेजी से बढ़ रही है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि सैमसंग ने अपने ही स्मार्टफोन्स के लिए रैम का प्रोडक्शन करने से मना कर दिया था।

    चिप बनाने वाली दिग्गज कंपनी माइक्रोन ने भी कुछ ऐसा ही एलान किया है। वह कंज्यूमर-ग्रेड और गेमिंग रैम Crucial का प्रोडक्शन बंद करने जा रही है। दरअसर, कंपनी ज्यादा प्रॉफिट के लिए AI और B2B कस्टमर पर फोकस बढ़ा रही है। यानी यह साफ है कि हाई-बैंडविड्थ मेमोरी की बढ़ती मांग के चलते रेगुलर कंज्यूमर RAM की कमी हो रही है। मोबाइल फोन इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि यह सप्लाई आने वाले समय में भी ऐसी ही रहेगी और स्मार्टफोन की कीमत और बढ़ जाएंगी।

    महंगे हो जाएंगे स्मार्टफोन

    IDC रिसर्च ने भी रैम सप्लाई में कमी के कारण स्मार्टफोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस की कीमत में बढ़ोत्तरी का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसका सबसे ज्यादा असर लो और मिड रेंज के एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर देखने को मिल सकता है। इन डिवाइस में कंपनियां मार्जन को पहले से ही बहुत कम रखती हैं, जिससे ये कीमत को लेकर काफी सेंसिटिव होते हैं। 

    IDC के मुताबिक, 2026 में स्मार्टफोन शिपमेंट में थोड़ी गिरावट आ सकती है। IDC अपनी रिपोर्ट में यह भी कहता है कि स्मार्टफोन कंपनियों को अपना मार्केट शेयर बचाने के लिए अलग स्ट्रैटेजी अपनानी होंगी। हालांकि, रैम की कमी के चलते कंपनियों को कीमत में बढ़ोतरी करनी ही पड़ेंगी।