Signal मैसेजिंग ऐप क्या है? अमेरिका का वार प्लान लीक, जानिए कितना सुरक्षित है प्लेटफॉर्म
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों पर वार जैसी सीक्रेट जानकारी मैसेजिंग ऐप Signal पर शेयर करने के आरोप लग रहे हैं। इस घटना के सामने आने के बाद अमेरिकी कांग्रेस ने सुरक्षा उल्लंघन की जांच की मांग की है। सवाल किए जा रहे हैं कि क्या ऐसे संवेदनशील जानकारी को सिग्नल ऐप पर शेयर करना सेफ है या नहीं।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। मैसेजिंग ऐप Signal एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार यह ऐप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन की एक चूक के चलते ट्रेंड में है। दरअसल, खबर है कि ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी वार प्लान जैसी सीक्रेट जानकारी इस ऐप के जरिए शेयर कर रहे हैं। यह बात तब सामने आई जब एक ऐसे ही ग्रुप में गलती से एक पत्रकार को शामिल कर दिया। इस घटना के सामने आने के बाद अमेरिकी कांग्रेस ने सुरक्षा उल्लंघन की जांच की मांग की है।
अमेरिकी कानून के मुताबिक, गोपनीय जानकारी के दुरुपयोग या गलत प्रबंधन को अपराध के तौर पर देखा जाता है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि यह घटना इस कानून का उल्लंघन करती है या नहीं। लेकिन, इस घटना ने अमेरिका समेत दूसरे देशों के लिए यह सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा के लिए इस तरह के मैसेजिंग प्लेटफार्म का यूज किया जा सकता है?
क्या है Signal ऐप?
Signal एक मैसेजिंग ऐप है, जो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का उपयोग करती है। ऐप दावा करती है कि उसके प्लेटफॉर्म पर यूजर्स की चैट और कॉल को कोई दूसरा एक्सेस नहीं कर सकता है। इससे यूजर्स की प्राइवेसी बरकार रहती है। यह ऐप स्मार्टफोन और कंप्यूटर दोनों प्लेटफार्मों पर उपलब्ध है, जो मैसेजिंग, वॉयस और वीडियो कॉलिंग जैसे फीचर ऑफर करती है।
Signal ऐप पर अकाउंट बनाने के लिए वॉट्सऐप की तरह मोबाइल नंबर की जरूरत होती है। दूसरे मैसेजिंग ऐप्स की तरह Signal यूजर्स के किसी भी डेटा को स्टोर या ट्रैक नहीं करता है। इस ऐप की कोर-कोडिंग पब्लिक है, जिससे कोई भी साइबर सिक्योरिटी इस दावे की सत्यता की जांच कर सकता है।
Signal कितना सुरक्षित है?
- Signal ओपन-सोर्स और पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सर्विस ऑफर करता है।
- Signal Messenger द्वारा संचालित केंद्रीय सर्वरों पर काम करती है।
- यह सिर्फ यूजर का फोन नंबर, फर्स्ट लॉगिन और लास्ट लॉगिन की जानकारी स्टोर रखता है।
- यूजर्स के कॉन्टैक्ट की लिस्ट, चैट और दूसरी जानकारी सिर्फ यूजर के डिवाइस में स्टोर होती है।
- इस ऐप में ऑटो-डिलीट का ऑप्शन भी है, जो एक निर्धारित समय बाद चैट को ऑटोमैटिक हटा देता है।
Signal का दावा है कि वह अपने यूजर्स का डेटा किसी भी एड या मार्केटिंग एजेंसी के साथ शेयर नहीं करता है। इसके साथ ही वह किसी भी सरकारी एन्क्रिप्शन अपने प्लेटफॉर्म पर यूज नहीं करता है।
कौन है Signal एप का फाउंडर?
Signal ऐप के फाउंडर मॉक्सी मार्लिनस्पाइक (Moxie Marlinspike) हैं, जिन्होंने 2012 में इसे शुरू किया था। फिलहाल Signal ऐप के प्रेसिडेंट मेरिडिथ व्हिटेकर (Meredith Whittaker) हैं। Signal का दावा है कि यह किसी बड़ी टेक कंपनी के अधीन नहीं है और भविष्य में भी वह इस प्लेटफॉर्म को बेचने की प्लानिंग नहीं है।
कौन यूज करता है Signal ऐप?
Signal को शुरू में प्राइवेसी का सपोर्ट करने वाले यूजर्स ने इस्तेमाल किया था। बाद में यह राजनीतिक कार्यकर्ता, पत्रकार और सरकारी एजेंसी के लोग के बीच तेजी पॉपुलर होने लगा। 2021 में जब WhatsApp ने अपनी प्राइवेसी नीति में बदलाव किया था। उसके बाद Signal ऐप में यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ गई थी।
समाचार ऐजेंसी Reuters ने Signal को उन टूल्स की लिस्ट में शामिल किया है, जिनका यूज पत्रकार सीक्रेट न्यूज टिप्स शेयर करने के लिए कर सकते हैं। 2017 में, अमेरिकी सीनेट के सेर्गेंट-एट-आर्म्स ने सीनेट स्टाफ के लिए Signal के यूज को मंजूरी दी थी।
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