लाल सागर में संकट: केबल कटते ही धीमा पड़ा इंटरनेट, भारत समेत कई एशियाई देशों पर असर
लाल सागर में अंडरसी इंटरनेट केबल के क्षतिग्रस्त होने से भारत समेत एशिया के कई देशों में इंटरनेट की गति धीमी हो गई है। इस घटना से ग्लोबल कनेक्टिविटी पर असर पड़ा है जिससे यूजर्स को कनेक्टिविटी की समस्या आ रही है। इंटरनेट मॉनिटरिंग एजेंसी NetBlocks ने भी इसकी पुष्टि की है।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। लाल सागर के नीचे बिछी अंडरसी इंटरनेट केबल के डैमेज होने से एशिया के कई देशों में इंटरनेट सर्विस स्लो हो गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घटना का असर भारत समेत पड़ोसी देशों तक देखने को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि समुद्र के नीचे मौजूद यह सबमरीन केबल ग्लोबल कनेक्टिविटी का अहम हिस्सा है। इसी केबल के डैमेज होने के बाद कई इलाकों में इंटरनेट स्पीड काफी स्लो हो गई है और यूजर्स को कनेक्टिविटी की समस्या आ रही है। इंटरनेट मॉनिटरिंग एजेंसी NetBlocks ने भी इस स्थिति की पुष्टि की है।
इजरायल पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा?
PTI की रिपोर्ट में इस बात की भी आशंका जताई गई है कि यमन के हूती विद्रोही इन केबल्स को निशाना बना सकते हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि यह कदम इजरायल पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है। बता दें कि हूती विद्रोही पहले भी इस तरह के अटैक्स से इनकार कर चुके हैं।
बढ़ सकती है इंटरनेट लेटेंसी
इतना ही नहीं, माइक्रोसॉफ्ट ने भी इस बात की जानकारी दी है कि रेड सी एरिया में अंडरसी केबल्स डैमेज होने से इंटरनेट लेटेंसी बढ़ सकती है, यानी डेटा ट्रांसफर की स्पीड स्लो हो सकती है। हालांकि, कंपनी ने क्लियर किया कि जो केबल्स मिडिल ईस्ट के रास्ते से नहीं जाती वो इस समस्या से एफ्फेक्टेड नहीं होंगी।
क्या होती है अंडरसी केबल?
जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि अंडरसी केबल्स समुद्र के अंदर बिछाई गई फाइबर-ऑप्टिक केबल्स होती हैं, जिनके जरिए इंटरनेट, टेलीफोन कॉल और डेटा ट्रांसफर होता है। इन केबल्स के जरिए ही लाइट सिग्नल से डेटा बहुत स्पीड से ट्रांसफर होता है। इन्हीं केबल्स को पूरी दुनिया को जोड़ने वाली इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर की रीढ़ कहा जाता है।
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