'JournalismAI' प्रोजेक्ट में Pratyush Ranjan ने किया Jagran New Media का प्रतिनिधित्व, पत्रकारिता में AI के इस्तेमाल पर हुई डिटेल्ड स्टडी
हाल ही में आयोजित हुए JournalismAI ग्लोबल कोलैबोरेशन प्रोजेक्ट में दुनियाभर के शीर्ष मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। छह महीने तक चले इस प्रोजेक्ट का प्रतिनिधित्व जागरण न्यू मीडियो के सीनियर एडिटर प्रत्यूष रंजन ने किया।

नई दिल्ली, जेएनएन। जागरण न्यू मीडिया के सीनियर एडिटर Pratyush Ranjan ने हाल ही में प्रतिष्ठित 'JournalismAI' ग्लोबल कोलैबोरेशन प्रोजेक्ट में संस्थान का प्रतिनिधित्व किया। इस प्रोजेक्ट में दुनियाभर के शीर्ष मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। छह महीने तक चले इस वैश्विक प्रोजेक्ट में आने वाले समय में पत्रकारिता में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की भूमिका को लेकर विस्तृत चर्चा और केस स्टडी की गयी ।
JournalismAI एक वैश्विक पहल है। इसका लक्ष्य मीडिया संगठनों को AI तकनीक से जुड़ी संभावनाओं से अवगत कराना है। इस पहल के तहत रिसर्च रिपोर्ट, ट्रेनिंग मैटेरियल, सबसे अच्छे प्रैक्टिसेज का एक नेटवर्क एवं इनोवेशन साझा किए गए। JournalismAI, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पोलिटिकल साइंस के जर्नलिज्म थिंक टैंक POLIS का प्रोजेक्ट है, जिसे Google News Initiative का भी सहयोग प्राप्त है। JournalismAI Festival के पहले संस्करण का आयोजन 7-11 दिसंबर, 2020 के बीच ऑनलाइन किया गया।
पहले JournalismAI Collab के लिए Pratyush Ranjan का चयन POLIS की टीम द्वारा किया गया था। यह पहल अब समाचार से जुड़े मीडिया कंपनियों के लिए ऐसा मंच बन चुका है, जहां वे एक साथ मिलकर AI के जरिए पत्रकारिता को और बेहतर बनाने के उपायों पर चर्चा कर सकते हैं।
इस ग्लोबल प्रोजेक्ट में Pratyush Ranjan सहित 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इन प्रतिभागियों को चार टीम के रूप में बांटा गया था। इन टीमों ने इस प्रोजेक्ट के तहत अलग-अलग चुनौतियों को चुना और AI के जरिए उसके समाधान के विकल्प ढूंढने की दिशा में काम किया। छह माह के इस प्रोजेक्ट में फ्रांस की प्रमुख न्यूज एजेंसी AFP, जर्मनी के डॉयचे वेले, ब्रिटेन के 'द गार्डियन', रॉयटर्स, और इंडिया की जागरण न्यू मीडिया सहित करीब 20 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
Pratyush दुनिया भर में लगभग 20 समाचार संगठनों के 40 प्रतिभागियों में से एक थे, जिन्होंने यह पता लगाने के लिए चार टीमों में काम किया कि वे एआई प्रौद्योगिकियों कैसे चुनिंदा चुनौतियों का सामना करने में मदद कर सकती हैं। साथ में, उन्होंने नए विचारों की कल्पना की और उनका परीक्षण किया जिससे नए उपकरण विकसित हो सकें और भविष्य के प्रयोगों को सूचित किया जा सके।
यहाँ दुनिया भर के उन सभी न्यूज रूम की सूची है, जिन्होंने Polis (LSE's Journalism think-tank's media department) के 6 महीने के लंबे पत्रकारिता प्रोजेक्ट में हिस्सा लिया था:
1. AFP, France
2. Archant, UK
3. Axel Springer, Germany
4. Bayerischer Rundfunk, Germany
5. Deutsche Welle, Germany
6. The Guardian, UK
7. Jagran New Media, India
8. Mediafin, Belgium
9. La Nación, Argentina
10. Nice-Matin, France
11. Reach plc, UK
12. La Repubblica, Italy
13. Reuters, global
14. RTVE, Spain
15. Schibsted, Nordics
16. South China Morning Post, Hong Kong
17. Der Spiegel, Germany
18. VRT News, Belgium
19. Yle News Lab, Finland
जागरण न्यू मीडिया में सीनियर एडिटर के पद पर कार्यरत Pratyush Ranjan इस प्रोजेक्ट में टीम-3 में शामिल थे। प्रोजेक्ट में टीम-3 ने 'Connecting users to quality journalism with AI-powered summaries' शीर्षक विषय पर काम किया और दिसंबर के पहले सप्ताह में इस प्रोजेक्ट को पूरा किया।
टीम-3 के सदस्यों की सूची
1. Uli Köppen (Bayerischer Rundfunk, Germany)
2. Cécile Schneider (Bayerischer Rundfunk, Germany)
3. Olle Zachrison (Sveriges Radio, Sweden)
4. Christina Elmer (Der Spiegel, Germany)
5. Pratyush Ranjan (Jagran New Media, India)
6. Didier Orel (TX Group, Switzerland)
टीम-3 के चर्चा के केंद्र में मुख्य रूप से यह बात रही कि सूचनाओं की बड़ी मात्रा में उपलब्धता के बावजूद डिजिटल यूजर्स किस प्रकार आसानी से सबसे अच्छी खबर को ढूंढ सकते हैं और उसे पढ़ सकते हैं। इस लक्ष्य को लेकर टीम ने ऑटोमेटेड समरी तैयार किए जाने पर ध्यान देने का फैसला किया।
इस अध्ययन से जुड़े विवरण, टेस्ट से निकले अहम निष्कर्षों और प्रयोगों तथा यूज केस आपको यहां मिल सकते हैं:
टीम-3 के प्रेजेंटेशन को यहां देखा जा सकता है:
इस प्रोजेक्ट के तहत Pratyush Ranjan ने 'Discovering new ways to connect content and users' शीर्षक से एक Blogpost भी लिखा। इस Blogpost को दिए गए लिंक पर पढ़ा जा सकता हैः https://blogs.lse.ac.uk/polis/2020/12/11/collaboration-as-the-key-to-discovering-new-ways-to-connect-content-and-users/" rel="nofollow
उल्लेखनीय है कि Pratyush Ranjan एक फैक्ट चेकर भी हैं और जागरण नई मीडिया की IFCN-certified फैक्ट चेकिंग यूनिट विश्वास न्यूज़ का भी हिस्सा हैं | Pratyush फैक्ट चेकिंग के लिए गूगल न्यूज इनिशिएटिव (GNI) इंडिया ट्रेनिंग नेटवर्क से भी जुड़े हुए हैं।
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